नई दिल्ली। सोनिया के रिपोर्ट कार्ड में मनमोहन सिंह एक बार फिर पास हो गए। संप्रग सरकार के नौ साला जश्न का सार है कि सोनिया-राहुल समेत पूरी कांग्रेस प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ है।
सत्ता में लगातार नौ साल पूरा करने पर मौका तो मनमोहन सरकार के लिए उपलब्धियां गिनाने और जश्न मनाने का था, लेकिन दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद संगठन-सरकार में मतभेद के संदेश को खत्म करने पर जोर रहा।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए दावा किया कि संगठन और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने नेतृत्व पर सवाल उठाने को षड्यंत्र बताया। सोनिया ने कहा, ‘उपलब्धियों से मैं खुश हूं। ये दिल्लीवाले लोग नहीं समझेंगे कि सरकार ने जमीन पर क्या किया है?’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि 2014 तक मनमोहन ही प्रधानमंत्री रहेंगे। प्रधानमंत्री ने उपलब्धियां गिनाने के साथ तीसरी बार सरकार बनने की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘सितारों के आगे जहां और भी हैं।’
सही तस्वीर सरकार ने नहीं दिखाई
सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बेहद गरिमा और जिम्मेदारी के साथ पद का निर्वाह किया है। हमारे पास कुछ भी छिपाने को नहीं है। हमें विपक्षी दलों के उस षड्यंत्र से बचना होगा जिसके जरिए वह जनता को भ्रमित करने और हमें हतोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें प्रभावी सरकार देनी होगी और गौरवान्वित होने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। जनता उसे पहचानेगी। पूरी पार्टी और संप्रग प्रधानमंत्री के साथ है। बाद में प्रधानमंत्री ने भी कहा, ‘हमारे खिलाफ साजिश के तहत मिथ्या अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद हम सफल होंगे।’ इससे पहले प्रधानमंत्री ने आंकड़े पेश कर खुद को राजग से बेहतर बताया। साथ ही मीडिया व सिविल सोसाइटी को धैर्य रखने की सीख दी। मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। इस मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी साफ किया कि 2014 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही रहेंगे। 2014 में चेहरा पेश किए जाने पर उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से चुनाव लड़ा जाएगा।
सोनिया की खास टिप्पणियां
जश्न का वक्त है और यह बताने का वक्त है कि हमने नौ साल में क्या किया। गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए काम किया। -क्या कोई हम पर सवाल उठा सकता है। सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही है।
-पिछड़े वर्गो को सशक्त किया गया है। इससे पहले कभी भी क्रय दर इतनी नहीं थी। इसके कारण उत्पादन भी बढ़ा।
-मुख्य विपक्षी दल के अड़ियल रुख के कारण कई अहम विधेयक पारित नहीं हो सके। हमें इकट्ठा होकर खाद्य सुरक्षा, भूमि अधिग्रहण और दूसरे विधेयकों का रास्ता साफ करना होगा।
मनमोहन के वादे
सत्ता में लौटने पर संप्रग आठ फीसद विकास दर पाने का प्रयास करेगा, जिसका लक्ष्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में रखा गया है।
-सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और सामाजिक न्याय का सपना साकार करने की दिशा में काम कर रही है।
-सरकार खाद्य सुरक्षा, खाद्य सक्सिडी देने को लेकर प्रतिबद्ध है। कोयला क्लॉक, स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित समस्याओं की मूल वजह का पता लगा लिया गया है। गड़बड़ी की जांच की जा रही है। दोषियों को सजा मिलेगी।
-हमारे खिलाफ प्रायोजित तरीके से आलोचना हुई है। कई बार हमें अस्थिर करने की कोशिश की गई। हम उद्देश्यविहीन विपक्ष से और क्या उम्मीद कर सकते हैं।