नक्सली हमले के पीछे गहरी साजिश का अंदेशा

depth-conspiracy-behind-naxal-attack-in-chhattisgarhनई दिल्ली । छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं पर नक्सली हमले के पीछे गहरी साजिश की आशंका को गृह मंत्रालय के अधिकारी भी सही मान रहे हैं। नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि कांग्रेसी नेताओं की गतिविधियों के बारे में पल-पल की सूचना के बिना नक्सली इतने बड़े हमले में सफल नहीं हो सकते थे। वहीं, भाजपा ने मध्य प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की अजीत जोगी की धमकी को अहमियत देने से इन्कार कर दिया है।

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गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह ऐसा हमला जिस तैयारी के साथ किया गया, उससे साफ है कि इसकी तैयारी कई हफ्तों की गई होगी। साथ ही घटनास्थल पर बाकायदा रिहर्सल भी किया गया होगा। यह अलग बात है कि खुफिया एजेंसियों को इस तैयारी की भनक नहीं लगी, जबकि इसके उल्टे नक्सलियों को नेताओं की गतिविधियों के बारे में पल-पल की जानकारी थी। उन्होंने आशंका जताई कि हमले का शिकार हुए वरिष्ठ नेताओं के बीच का ही कोई भेदिया नक्सलियों को उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी दे रहा था। यहां तक कि नक्सलियों को नेताओं के सुरक्षाकर्मियों और उनके पास मौजूद हथियारों की भी जानकारी थी। हालांकि, अधिकारी ने यह बताने से इन्कार कर दिया कि साजिश में किसका हाथ हो सकता है।

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वहीं, भाजपा साजिश के पीछे अजीत जोगी का हाथ होने का आरोप लगाने वाले मध्य प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ खड़ी दिखी। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने जोगी के मानहानि का मुकदमा करने की धमकी को तवज्जो न देते हुए उन्हें जांच के लिए गठित आयोग के सामने सफाई देने की सलाह दी है। सीतारमण ने कहा कि मानहानि के केस की धमकी से कुछ नहीं होने वाला है।

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