गढ़वाल। उत्तराखंड में बुधवार को भी खराब मौसम ने रेसक्यू ऑपरेशन की रफ्तार को धीमा रखा। प्रशासन ने केदारनाथ धाम में शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए स्थानीय लोगों के साथ ही चिकित्सक, तीर्थ पुरोहित और चिकित्सकों की टीम बनाई गई है। हालांकि केदारनाथ में अभी मौसम साफ साफ नहीं होने से यह टीम गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए रवाना नहीं हो सकी। साथ ही, गौरीकुंड क्षेत्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटनास्थल के लिए सुबह छह हेलीकॉप्टर रवाना कर दिए गए।
वहीं, उत्तरकाशी व चमोली में हेली रेस क्यू से फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू हो चुका है। उत्तरकाशी से गंगोत्री राजमार्ग अभी भी बंद है। गंगोत्री रूट पर करीब सात सौ व बदरीनाथ में भी करीब चार हजार यात्री अभी फंसे हुए हैं।
हालांकि, रुद्रप्रयाग जनपद में केदारघाटी के जंगलों में सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का दावा प्रशासन कर रहा है। इसके बावजूद गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर आइटीबीपी व एनडीआरएफ के जवान पैदल मार्ग पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। वहीं, गौरीकुंड के नजदीक मंगलवार को सेना का हेलीकॉप्टर जहां क्रैश हुआ था, वहां के लिए सुबह गौचर से सेना के छह हेलीकॉप्टर रवाना कर दिए गए थे।
केदारनाथ में मृतकों के अंतिम संस्कार करना भी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। गुप्तकाशी से प्रशासन ने इसके लिए एक टीम गठित कर दी है। इस टीम में स्थानीय लोगों के साथ ही एक पुरोहित, चिकित्सक व महिला कांस्टेबल शामिल हैं।
केदारनाथ में मौसम खराब है। वहां हेलीकॉप्टर पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में यह टीम गुप्तकाशी में ही मौसम खुलने का इंतजार कर रही है।
रुद्रप्रयाग जनपद में सिरोबगड़ के पास भूस्खलन के बाधित बदरीनाथ हाईवे यातायात के लिए खोल दिया गया है। वहीं, रुद्रप्रयाग-केदारनाथ मार्ग पर अभी भी यातायात सुचारु नहीं हो सका। चमोली जनपद में सुबह दस बजे से ही बदरीनाथ के लिए हेली रेस क्यू शुरू कर दिया गया। बदरीनाथ में अभी भी करीब चार हजार यात्री फंसे हैं। इनके अलावा काफी संख्या में स्थानीय लोग व व्यापारी वहां मौजूद हैं। वहां खाद्यान की तो कोई कमी नहीं है, लेकिन रसोई गैस, लकड़ी व कैरोसीन की किल्लत होने लगी है।
उधर, सेना व बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) बदरीनाथ-जोशीमठ पैदल मार्ग पर ध्वस्त पुलिया के स्थान पर अस्थाई पुल बनाने में जुट गया है।
उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग से सभी यात्री सुरक्षित निकल चुके हैं। यह राजमार्ग हनुमानचंट्टी से पांच किलोमीटर यमुनोत्री तक बाधित है। उत्तरकाशी से गंगोत्री हाईवे अभी भी बंद है। इस रूट पर करीब सात सौ लोग फंसे हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान तक लाने को सुबह आठ बजे से ही हेली रेसक्यू शुरू कर दिया गया।