चुनावी सीजन में 500 करोड़ से इमेज चमकाएगी कांग्रेस

INDIA-VOTE-RESULTS-CONGRESSकांग्रेस पार्टी यूपीए सरकार के दामन पर लगे घोटालों के दाग छुपाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेगी। इसके लिए पार्टी अपने यहां ऐड एजेंसियों की परेड करा रही है। पार्टी किसी एक ‘काबिल’ ऐड एजेंसी का चुनाव करेगी, जो चुनावी सीजन में उसकी इमेज चमका सके। इन एजेंसियों से भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करने और वेलफेअर स्कीमों का जमकर प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले यूपीए सरकार की उपलब्धियों के प्रचार -प्रसार के लिए पहले ही 180 करोड़ का प्रचार अभियान लॉन्च किया जा चुका है। 180 करोड़ के इस विज्ञापन अभियान की वजह डीएवीपी का फाइनैंशल ईयर 2013-14 में बजट बढ़कर 600 करोड़ रुपये का हो चुका है। एक अनुमान के मुताबिक, इंडिया शाइनिंग केंपेन पर 2004 में 150 करोड़ खर्च हुए थे, जबकि यूपीए-वन ने 2009 में चुनाव से ठीक पहले 35 करोड़ का विज्ञापन अभियान छवि चमकाने के लिए लॉन्च किया था।

पार्टी सूत्रों की मानें तो इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी पब्लिसिटी अभियान पर 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। पार्टी के नुमाइंदे एजेंसियों के प्रेजेंटेशन की पड़ताल कर रहे हैं। मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में रकाबगंज रोड पर मौजूद कांग्रेस के ऑफिस में तकरीबन 11 ऐड एजेंसियां प्रेजेंटेशन दे चुकी हैं। इस कैंपेन को तीन फेज में चलाने की योजना है। राहुल गांधी से हरी झंडी मिलने के बाद कैंपेन को अगले दो महीने में पेश किया जाएगा। दूसरा फेज नवंबर में विधानसभा चुनावों के आसपास लॉन्च किया जाएगा, जबकि फाइनल फेज को आम चुनावों से पहले शुरू किया जाएगा।

इस शख्स ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि पर्सेप्ट लिमिटेड, इक्वस और द ग्रे ग्रुप के अलावा पीआर गुरु दिलीप चेरियन ने इसके लिए अपनी दावेदारी पेश की है। दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी का इंडिया शाइनिंग कैंपेन ग्रे ग्रुप ने ही तैयार किया था। कई जानकारों के मुताबिक, यही कैंपेन 2004 में बीजेपी की हार का सबब बना। इस शख्स के मुताबिक, प्रेजेंटेशन का दूसरा राउंड जारी है और एजेंसियों ने सिर्फ अपना क्रिएटिव आइडिया पेश किया है, बल्कि लोकसभा चुनावों के लिए प्रस्तावित स्लोगन भी जारी किए हैं।

पार्टी ने सभी एजेंसियों से सोशल मीडिया के लिए अलग प्लान पेश करने को कहा है। इसमें यंग और अर्बन मिडल क्लास वोटरों को ध्यान में रखते हुए ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जोर देने की बात कही गई है। लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित की अगुवाई में बनाई गई सोशल मीडिया कमिटी ने पब्लिसिटी कमिटी को अपनी सिफारिशें दी हैं।

कांग्रेस की कैंपेन कमिटी ने ऐड एजेंसियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए हरियाणा के युवा सांसद दीपेंद्र हूडा की अध्यक्षता वाली पार्टी की पब्लिसिटी कमिटी को ब्रीफ किया है। अहमद पटेल, सुरेश पचौरी, जनार्दन द्विवेदी और जयराम रमेश जैसे पार्टी के सीनियर नेता अक्सर प्रेजेंटेशन के दौरान पहुंचते रहते हैं और सलाह भी देते हैं। हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला राहुल गांधी ही लेंगे।

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