बम्बई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई की जांच समिति को अवैध ठहराया

bcci_logo-मुम्बई / बम्बई उच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की उस दो सदस्यीय जांच समिति को अवैध करार दिया है, जिसने रविवार को जारी अपने जांच रिपोर्ट में बोर्ड अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को इंडियन प्रीमियर लीग में सट्टेबाजी के मामले में आरोपमुक्त कर दिया था। न्यायालय ने बिहार एवं झारखंड क्रिकेट संघ द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मामले की नए सिरे से जांच की जरूरत है। न्यायालय ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा, “पूरे मामले की फिर से जांच होनी चाहिए। जांच समिति ने जो सबूत जमा किए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं और समिति के फैसले में पारदर्शिता का अभाव है।” बिहार एवं झारखंड क्रिकेट संघों ने समिति के फैसले के विरोध में जनहित याचिका दायर की थी। उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच कर रही बोर्ड की दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में मयप्पन और कुंद्रा को रविवार को क्लीन चिट दे दी गई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुम्बई पुलिस द्वारा मयप्पन की गिरफ्तारी से यह साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स कम्पनी किसी भी हाल में इस मामले में संलिप्त है।

साथ ही साथ इससे यह भी साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स के निदेशक श्रीनिवासन इससे जुड़े हैं। इसके अलावा इस बात के कोई सबूत नहीं है कि आईपीएल सट्टेबाजी में मयप्पन ने चेन्नई सुपर किंग्स में लगा पैसा दांव पर लगाया है। राजस्थान रॉयल्स टीम के तीन खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद आईपीएल-6 के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे। इसमें से एक खुलासा श्रीनिवासन के दामाद और सुपर किंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयप्पन और कुंद्रा द्वारा आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाना भी शामिल था। इसके बाद मयप्पन को गिरफ्तार कर लिया गया और कुंद्रा से पूछताछ की गई। कुंद्रा ने स्वीकार किया था कि वह सट्टेबाजी में लिप्त थे। इसके बाद कुंद्रा को जांच पूरी होने तक लीग से निलम्बित कर दिया गया था। उधर, श्रीनिवासन ने भारी दबाव के बीच जांच पूरी होने तक बोर्ड में सक्रिय कामकाज से हाथ खींच लिया था।

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