दुर्गा को दी चार्जशीट, 45 दिन में मांगा जवाब

durga nagpalनई दिल्ली। नोएडा के कादलपुर गांव में मस्जिद की दीवार गिराने के आरोप में सस्पेंड की गईं गौतमबुद्ध नगर की दुर्गा शक्ति नागपाल को यूपी सरकार ने रविवार को चार्जशीट की कॉपी भेज दी। दुर्गा से 45 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। यूपी सरकार ने चार्जशीट की एक कॉपी केंद्र को भी भेजी है। चार्जशीट में कहा गया है कि दुर्गा में प्रशासनिक क्षमता की कमी है और उन्होंने निर्माण गिराने में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उनसे पूछा गया है कि इस मामले में सीनियर की सलाह क्यों नहीं लगी गई। दुर्गा के समर्थकों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन यूपी के सीएम अखिलेश यादव उन्हें सस्पेंड करने के अपने फैसले पर डटे हुए हैं। रविवार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने एनबीटी को बताया कि हमने स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की। क्या यह सच नहीं कि दुर्गा को ईमानदारी की सजा मिली, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बात ईमानदारी और बेईमानी की नहीं है। वह एक जिम्मेदार पद पर तैनात थीं और उनकी एक कार्रवाई से बेवजह तनाव पैदा हुआ। इस मामले में उनकी गलती थी, जिसकी सजा उन्हें मिली।

दुर्गा के सस्पेंशन को लेकर सरकार के कथित मनमाने तरीकों और कभी प्रशासन का ‘स्टील फ्रेम’ कहलाने वाली नौकरशाही की गरिमा बहाल करने की व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ी हुई है। जाने-माने रिटायर्ड और सेवारत नौकरशाह नागपाल के पूरे समर्थन में आ गए हैं। यूपी कैडर की 2010 के बैच की आईएएस अधिकारी 28 वर्षीय नागपाल को 27 जुलाई को सस्पेंड किया गया था। राज्य में समाजवादी पार्टी सरकार के आलोचकों का कहना है कि नागपाल को मस्जिद की दीवार गिराने की वजह से नहीं, बल्कि यमुना नदी के तट की रेत का अवैध तरीके से अंधाधुंध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की वजह से सस्पेंड किया गया है। पूर्व कैग विनोद राय ने भी नागपाल का समर्थन किया है। विभिन्न घोटालों पर अपनी रिपोर्ट की वजह से सत्ता प्रतिष्ठान की कड़ी आलोचना का निशाना बने राय हाल ही में रिटायर हुए हैं।

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