राहुल गांधी ने बनाई गरीबी की नई परिभाषा

rahul gandhiइलाहाबाद। योजना आयोग की गरीबी की विवादित परिभाषा और उसके समर्थन में कांग्रेसी नेताओं के ‘कुतर्क’ के बाद अब राहुल गांधी ने गरीबी की अजब इबारत गढ़ी है। राहुल का मानना है कि गरीबी सिर्फ मानसिक स्थिति है। इसका खाना, रुपये जैसी भौतिक वस्तुओं की कमी से मतलब नहीं है। जाने-माने समाज विज्ञानी बद्री नारायण की ओर से जी.बी. पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में सोमवार को आयोजित सेमिनार में राहुल ने गरीबी पर यह हैरान कर देने वाला बयान दिया। राहुल के कहा, ‘गरीबी एक मानसिक अवस्था है। खाना, पैसे या भौतिक चीजों की कमी से इसका कोई लेना-देना नहीं है। यदि आप में आत्मविश्वास है तो आप गरीबी से उबर सकते हैं।’  कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबी से उबरने के लिए लोगों में आत्मविश्वास जगाया है।
इस बारे में राहुल ने अमेठी की एक गरीब महिला का उदाहरण दिया, जिसने स्वयं-सहायता समूह राजीव गांधी महिला विकास परियोजना से खुद को जोड़कर अपना आत्मसम्मान हासिल किया था। राहुल ने कहा, ‘सरकार गरीबों के लिए चाहे जितनी कल्याणकारी योजनाएं बनाए, गरीब गरीबी की बेड़ियों से तब तक आजाद नहीं होगा, जब तक वह खुद के अंदर आत्मविश्वास और आत्मशक्ति नहीं पैदा कर लेता। खैरात बांटने से गरीबी दूर नहीं होने वाली।’ बकौल बद्री नारायण राहुल ने कार्यक्रम में कहा, ‘मैं अपनी व्यवस्था की कमजोरियों को समझता हूं। मैं लोगों की मदद की भरपूर कोशिश करूंगा पर जब तक वंचित वर्ग की आवाज अंदर से नहीं आएगी, कुछ नहीं किया जा सकता।’ इससे पहले एक दिन के दौरे पर इलाहाबाद पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को विरोध का भी सामना करना पड़ा। झूंसी के पास बीजेपी युवा मोर्चा के कुछ कार्यकर्ताओं ने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की नीतियों के विरोध में नारे लगाते हुए राहुल गांधी को काले झंडे दिखाए। पुलिस के जवान जब तक उन तक पहुंचे वे मौके से भाग गए।

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