‘किसी परिवार की जागीर नहीं है हमारा कश्‍मीर’

arun-jaitleyश्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। लोकसभा और राज्‍यसभा में इस मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस और उमर अब्‍दुल्‍ला सरकार पर जमकर हमले किये। इससे पहले बीजेपी के राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली किश्‍तवाड़ गये थे, लेकिन उन्‍हें जम्‍मू एयरपोर्ट भी ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले पर बीजेपी ने संसद में जोरदार हंगामा किया। अरुण जेटली ने जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा में उनकी सरकार का एक वरिष्ठ नेता भी शामिल था। जेटली ने फारुख अब्‍दुल्‍ला परिवार निशाना साधते हुए कहा कि कश्‍मीर किसी एक परिवार की प्राइवेट प्रॉपर्टी या जागीर नहीं है। ये केंद्र सरकार तय करेगी, देश तय करेगा कि वहां पर सरकार कैसे चलाई जाए। दूसरी ओर खुद पर लग रहे तमाम आरोपों के बाद जम्‍मू कश्‍मीर के गृहमंत्री किचलू ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

हिंसा के वक्‍त किश्‍तवाड़ में ही थे गृहमंत्री 
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हुई हिंसा को लेकर जम्मू कश्मीर के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। किचलू पर हिंसा में शामिल होने के आरोप लग रहे थे। हालांकि किचलू ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए सीएम को अपना इस्तीफा सौंपा है। आरोप लग रहे थे कि जिस वक्त किश्तवाड़ में हिंसा हो रही थी, गृह राज्यमंत्री सज्जाद किचलू किश्तवाड़ में ही थे।

हिंसा के पीछे बड़े नेता का हाथ: जेटली 
किश्तवाड़ में हुई हिंसा को लेकर संसद में भी हंगामा मचा। सियासी हमले के बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा किश्तवाड़ हिंसा के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि इस हिंसा में सरकार के एक बड़े नेता का हाथ है। जेटली ने कहा कि किश्तवाड़ में जब हिंसा हो रही है ऐसे में ऑस्ट्रिच जैसा व्यवहार सही नहीं है। पूरे सूबे में अफरा-तफरी मची है। जेटली ने आरोप लगाते हुए कहा कि किश्तवाड़ में दोनों संप्रदाय के लोग रहते हैं। दोनों के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार रहा है। बीते कुछ दिनों से कुछ देश विरोधी गतिविधि बढ़ गई थीं। जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। धारा 144 का सहारा लेकर आप लोगों को बाहर नहीं कर सकते हैं? जेटली ने कहा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। ये सिर्फ दो संप्रदाय के बीच की बात नहीं है। कानून व्यवस्था की ही बात नहीं है। ये भारतीय संप्रभुता का सवाल है। दोषियों को सजा होनी चाहिए। सरकार इसे हल्के में लेगी तो 1999 जैसे हाल का सामना करना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में PIL, सुनवाई कल

सुप्रीम कोर्ट में किश्तवाड़ हिंसा पर एक याचिका दाखिल की गई है। जिसमें जम्मू कश्मीर में फंसे यात्रियों को सही सलामत कर्फ्यू लगे क्षेत्रों से निकालने की मांग की गई है। फिलहाल जम्मू में हालात को देखते हुए कर्फ्यू लगा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल पर सुनवाई कल होनी है। दूसरी तरफ किश्तवाड़ मामले पर जम्मू में ऑल पार्टी मीट आज दोपहर 1.30 बजे होगी। दूसरी तरफ गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर सरकार के संपर्क में हूं। जो भी मदद चाहिए उनको देंगे। राज्य सरकार को कहा गया है कि हिंसा के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए, जबकि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है। जिस दिन ये घटना हुई है उस दिन गृह मंत्री किश्तवाड़ में थे। किश्वाड़ हिंसा की समय निर्धारित जांच होनी चाहिए। वहीं बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा है कि किश्तवाड़ दंगे में राज्य के मंत्री की भूमिका है। दूसरी तरफ जम्मू में सिख समुदाय ने शांति मार्च निकाला और आपसी भाई चारा बनाए रखने की अपील की।

दोनों सदनों में जमकर हंगामा 
किश्तवाड़ हिंसा को लेकर संसद में भारी हंगामा मचा। दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभी की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने सदन में बहस की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 18 मिनट के लिए रोक दी गई। जैसी ही कार्यवाही 11.18 बजे शुरू हुई एक बार फिर जोरदार हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही भी पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में उप-सभापति पी जे कुरियन ने किश्तवाड़ हिंसा पर बोलने के लिए विपक्ष के नेता अरुण जेटली का नाम पुकारा तो बहुजन समाज पार्टी के सदस्य यह आश्वासन मांगने लगे कि इस मुद्दे पर उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाए।

जम्‍मू कश्‍मीर सरकार के पास महीनों से था इनपुट
किश्तवाड़ के पीडीपी के एमएलसी सईद असगर अली ने आरोप लगाया कि सरकार के पास पिछले 6 महीनों से ये इनपुट था कि किश्तवाड़ में कुछ लोग सांप्रदायिक हिंसा करवाने की कोशिश में हैं। इसकी जानकारी सरकार और प्रशासन दोनों को थी। मुख्यमंत्री भी जानते थे लेकिन तब भी इस सब को गंभीरता से नहीं लिया गया और ये हादसा हुआ। उधर, किश्तवाड़ हिंसा पर उमर अब्दुल्ला सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे। मालूम हो कि जम्मू के 8 जिलो में पिछले 3 दिनों से कर्फ्यू जारी है। जम्मू को जानेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से ठप है। मोबाइल और इंटरनेट सेवा जम्मू में बंद है। स्कूल कॉलेज भी बंद हैं।

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