कोयला घोटाले की फाइलें गुम, संसद में हंगामा

parlyaiment 1नई दिल्ली। कोयला घोटाले से जुड़ी फाइलों के गुम होने के मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। अंग्रेजी अखबार मेल टुडे के मुताबिक सीबीआई के सूत्रों ने दावा किया है कि कोयला घोटाले से जुड़ी जो फाइलें गायब हैं, वो कांग्रेस से जुड़े लोगों से संबंधित हैं। गौरतलब है कि कोयला घोटाले में 11 कंपनियों को कोल ब्लॉक आबंटन से जुड़ी फाइलें गुम हो चुकी हैं। इन 11 कंपनियों के निदेशकों के नाम एफआईआर में भी है और सीबीआई सूत्रों की मानें तो ये सभी आबंटन यूपीए सरकार ने किए थे। अगर ये फाइलें नहीं मिलती हैं तो सीबीआई का केस कमजोर पड़ जाएगा। अखबार से बातचीत में सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा ने कहा है कि फाइलों के गायब होने से इस केस की जांच को झटका लगेगा।

सीबीआई 27 को देगी जानकारी 
रंजीत सिन्हा ने बताया कि वो 27 अगस्त को इस मामले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देंगे और फिर आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश लेंगे। सीबीआई प्रमुख ने ये भी बताया कि उन्हें अभी आधिकारिक तौर पर फाइलों की गुमशुदगी की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन कुछ खास फाइलों का गुम होना वाकई चिंताजनक है। रंजीत सिन्हा ने कहा कि इस घटना से किसी गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन वो साफ तौर पर कुछ नहीं कह सकते। रंजीत सिन्हा के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ फाइलें मिल नहीं रहीं और हो सकता है कि वो फाइलें राज्य सरकारों के पास हों, लेकिन सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस दलील में दम नजर नहीं आ रहा।

बीजेपी ने पीएम से मांगा जवाब
लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने पूछा कि आखिर कांग्रेस से जुड़े लोगों की फाइलें कैसे गायब हो गईं। पीएम जवाब दें कि फाइलें कैसे गायब हुईं और ये फाइलें कब तक मिलेंगी। वहीं, राज्यसभा में बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बयान देने की मांग की। उन्होंने गायब फाइलों पर सरकार से सफाई मांगी। राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि कोयला घोटाले से जुड़ी 11 कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलें गुम हो चुकी हैं। इन 11 कंपनियों के निदेशकों के नाम एफआईआर में भी है। अगर ये फाइलें नहीं मिलती हैं तो सीबीआई का केस कमजोर पड़ जाएगा। फाइलों के गायब होने से इस केस की जांच को झटका लगेगा।

बीजेपी ने पीएम से मांगा जवाब
लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने सरकार और प्रधानमंत्री दोनों को निशाने पर लिया। सुषमा ने पूछा कि आखिर कांग्रेस से जुड़े लोगों की फाइलें कैसे गायब हो गईं। पीएम जवाब दें कि फाइलें कैसे गायब हुईं और ये फाइलें कब तक मिलेंगी। वहीं, राज्यसभा में अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि फाइलें गायब नहीं हुई हैं बल्कि गायब करवाई गई हैं। राज्यसभा में बिहार में रेल हादसे पर दो मिनट के मौन के बाद प्रश्नकाल की जगह शून्यकाल से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर बीजेपी के सदस्यों ने कोयला घोटाले से संबंधित फाइलों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

रविशंकर प्रसाद के सवाल 
सदन में बीजेपी के उपनेता रविशंकर प्रसाद और वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू के नेतृत्व में सभी बीजेपी सांसदों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री द्वारा सफाई देने के लिए उन्हें सदन में बुलाने की मांग की, लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने इस बीच सदन के कामकाज को जारी रखते हुए संबंद्ध मंत्रियों वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा और जेसुदास सलिम सदन के पटल पर कागजात रखने को कहा और उसके बाद राज्य बीमा कर्मचारी निगम चुनाव के बारे में प्रस्ताव पारित करने को कहा। शोरशराबे में दोनों राज्य मंत्रियों ने पटल पर कागजात रखे और श्रम मंत्री शीशराम ओला ने प्रस्ताव रखा। लेकिन बीजेपी के सदस्य प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे लगाते रहे।

बीजेपी अपनी मांग पर अड़ी 
कुर्रियन का कहना था कि कल भी सदन में यह मुद्दा उठाया और तब सरकार की ओर से आश्वासन मिला था कि कोयला मंत्री सदन में इस बारे में बयान देंगे। इसलिए प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग जायज नहीं है। लेकिन बीजेपी के सांसद अड़े रहे और बार-बार प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग करने लगे। रविशंकर प्रसाद का कहना था कि प्रधानमंत्री कोयला घोटाले के समय कोयला मंत्री थे और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस घोटाले की जांच चल रही है। इसलिए इस घोटाले की फाइलें गायब होना गंभीर मुद्दा है और प्रधानमंत्री को आकर सदन में इस पर जवाब देना चाहिए। राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से दो बार स्थगित करनी पड़ी।

जायसवाल की सफाई
उधऱ, राज्यसभा में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बयान दिया कि फाइलों को खोजने का काम चल रहा है और इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। अगर मुझ पर आरोप साबित हुए तो सजा मंजूर है। बता दें कि कोयला घोटाले से जुड़ी 11 कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलें गुम हो चुकी हैं। इन 11 कंपनियों के निदेशकों के नाम एफआईआर में भी है। अगर ये फाइलें नहीं मिलती हैं तो सीबीआई का केस कमजोर पड़ जाएगा। फाइलों के गायब होने से इस केस की जांच को झटका लगेगा।

क्या है मामला?
कोयला ब्लॉक आवंटन पर पहले से घिरी यूपीए सरकार की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सरकार को विपक्ष के ताजा हमले झेलने पड़ रहे हैं। ये हमले जुड़े हैं कोयला मंत्रालय की कुछ फाइलों से। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने माना है कि कोयला आवंटन से जुड़ी कुछ फाइलें गायब हो गई हैं। जायसवाल ने कहा कि ये फाइलें 1993 से 2004 के दौरान की हैं। उधर, विपक्ष ने फाइलें गायब होने को सरकार की चालाकी बताया है और आरोप लगाया है कि जांच में इस तरह की रुकावटें डालने का मकसद प्रधानमंत्री को बचाना है। कोयला मंत्री के मुताबिक वो कोशिश कर रहे हैं कि दूसरे मंत्रालयों से संपर्क कर गुम हुई फाइलें ढूंढ़ी जाएं।

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