दोस्तो, नमस्कार। हम सब जानते हैं कि अनेक वस्तएं दर्जन व आधा दर्जन में गिनी जाती हैं। जैसे केले, अंडर वीयर, बनियान, रूमाल, जुराब, और भी कई वस्तुएं। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है। वस्तुतः प्राचीन काल में वस्तुओं को गिनने के लिए अपने शरीर के अंगों का इस्तेमाल किया जाता था। जैसे अपनी उंगलियां। उंगलियों के जोड। यदि आप अपनी उंगलियों के जोड़ों को गिनते हैं, तो उनकी संख्या 12 है। इस प्रणाली को डुओडेसिमल सिस्टम ऑफ काउंटिंग कहा जाता है। इसी को कई वस्तुएं गिनने में इस्तेमाल किया जाने लगा। इसकी एक प्रमुख वजह ये है कि दस व पंद्रह की तुलना में बारह को समान भाग में विभाजित करना आसान है। उदाहरण के लिए, एक दर्जन को 2, 3, 4, या 6 के समूहों में विभाजित किया जा सकता है। यह व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए सुविधाजनक और व्यावहारिक है। बडी दिलचस्प बात है कि सामान्य गिनती में भी हम उंगलियों का इस्तेमाल किया करते हैं। हर उंगली के तीन भाग हैं। उन्हीं को जोड कर गिनती किया करते हैं। इसी प्रकार हर उंगली के मूल जोड से हम यह पता लगाते हैं कि कौन सा महिना कितने दिन का होगा। मूल जोड को इकत्तीस दिन व दो जोडों के बीच को तीस दिन माना जाता है। इनको गिनते वक्त सातवें पर अर्थात जुलाई इकत्तीस दिन की और आठवें अर्थात अगस्त भी इकत्तीस दिन का होता है।
