प्रेंक वीडियो के नाम पर परोसी जा रही है अश्लीलता

इन दिनों यूट्यूब पर प्रेंक वीडियो खूब चलन में हैं। प्रेंक का मतलब होता है शरारत या मजाक। कई लड़के-लड़कियों ने इसे धंधा बना रखा है। वे इसमें विज्ञापन डाल कर कमा रहे हैं। धंधे तक तो ठीक है, मगर इनमें से कई ने इसे अश्लीलता परोसने का जरिया बना लिया है, जिसे देख कर … Read more

बिच्छू ने डंक मारा, मगर जहर का असर नहीं हुआ

दोस्तो, नमस्कार। किसी को बिच्छु काटे और उस पर उसके जहर का असर न पडे। क्या ऐसा संभव है? बिलकुल संभव है। मैं स्वयं इस अनुभव से गुजरा हूं। हुआ यूं कि एक बार दरवाजे के पीछे टंगी षर्ट को उतार कर जैसे ही मैने उसे पहला, आस्तीन में छिपे बिच्छू ने डंक मार दिया। … Read more

दर्जन में गिनती क्यों किया करते हैं?

दोस्तो, नमस्कार। हम सब जानते हैं कि अनेक वस्तएं दर्जन व आधा दर्जन में गिनी जाती हैं। जैसे केले, अंडर वीयर, बनियान, रूमाल, जुराब, और भी कई वस्तुएं। क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है। वस्तुतः प्राचीन काल में वस्तुओं को गिनने के लिए अपने शरीर के अंगों का इस्तेमाल किया जाता … Read more

सब्जी में बाल निकलने का वहम

एक पुरानी कहावत है- वहम का इलाज हकीम लुकमान के पास भी नहीं था। ज्ञातव्य है कि हकीम लुकमान बहुत प्रसिद्ध हकीम थे, जिनके पास हर मर्ज का इलाज था। मगर बताते हैं कि वे भी वहम अर्थात भ्रांति का इलाज नहीं कर पाते थे। इस सिलसिले में मुझे एक किस्सा याद आता है। बचपन … Read more

अल्लामा इकबाल का मशहूर शेर

महान षायर अल्लामा इकबाल का एक षेर है- वो फरेब खुर्दा षाहीं जो पला हो करगसों में उसे क्या खबर के क्या है राहे रस्मों षाहबाजी इसके मायने हैं कि बाज का जो बच्चा गलती से गिद्धों के यहां पला हो, उसे क्या खबर कि षाहबाजी के रस्मों रिवाज क्या होते हैं। बताते हैं कि … Read more

मैं यह करूंगा, ऐसा कभी नहीं कहता

दोस्तों, आज मैं आपसे एक ऐसा अनुभव साझा कर रहा हूं, जो संभव है आपको अटपटा लगेगा, मगर मैं उससे पल पल गुजर रहा हूं। असल में एक लंबे समय से मेरी आदत में षुमार हो गया है कि जब भी कोई छोटे से छोटा काम करता हूं तो उसके बारे में पहले से यह … Read more

आदमी झूठ बोल ही नहीं सकता, बोलेगा तो पकडा जाएगा

प्रकृति ने आदमी को बहुत चतुर बनाया है। वह बडी चतुराई से झूठ बोलता है। सच तो यह है कि हर जगह झूठ का ही बोलबाला है। उस झूठ पर ही यह दुनिया चल रही है। मगर हकीकत यह है कि आदमी झूठ बोल ही नहीं सकता। बोलेगा तो पकडा जाएगा। जैसे ही झूठ बोलता … Read more

संपादक के भीतर का लेखक मर जाता है?

एक पारंगत संपादक अच्छा लेखक नहीं हो सकता। उसके भीतर मौजूद लेखक लगभग मर जाता है। यह बात तकरीबन तीस साल पहले एक बार बातचीत के दौरान राजस्थान राजस्व मंडल की पत्रिका राविरा के संपादक और आधुनिक राजस्थान में रविवारीय परिशिष्ट का संपादन करने वाले श्री भालचंद व्यास ने कही थी। तब ये बात मेरी … Read more

मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर क्यों बैठते हैं?

मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है? यह सवाल मेरे जेहन में अरसे से है। इसका जवाब जानने की बहुत कोशिश की, मगर अब तक उसका ठीक ठीक कारण नहीं जान पाया हूं। भले ही आज वास्तविक कारण का हमें पता न हो, मगर यह परंपरा जरूर कोई … Read more

गधे के बायीं ओर से गुजरना शुभ क्यों?

दोस्तो, नमस्कार। हमारे यहां अनेक अनोखी मान्यताएं हैं, जिनके वैज्ञानिक आधार की हमें जानकारी नहीं है। कदाचित किसी समय में जानकारी रही हो, मगर अभी वह मौजूद नहीं है। वह परंपरा मात्र है। क्या आपको जानकारी है कि एक मान्यता के अनुसार हम कहीं जा रहे हों और सामने से गधा आ जाए तो उसके … Read more

उबासी आने पर चुटकी क्यों ली जाती है?

उबासी व जम्हाई एक सामान्य शारीरिक क्रिया है। हर किसी को आती है उबासी। उसके अपने कारण हैं, लेकिन कई लोग उबासी आने पर होंठों के आगे चुटकी बजाते हैं। संभव है, इसकी आपको भी जानकारी हो। आप भी चुटकी बजाते हों। मगर ये चुटकी क्यों ली जाती है, उसका ठीक-ठीक क्या कारण है, यह … Read more

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