हिन्द में भी सिन्ध राज्य का गठन होना चाहिये

sindhदिनांक १६ फ़रवरी के नभाटा में कुसुम शर्मा का पत्र हर जागरूक सिन्धी के मन की आवाज़ है ।
सिन्धी समाज शरणार्थी से पुरुषार्थों,पुरुषार्थी से पारमार्थी बना,पर पुरे विश्व मे व भारत में विभिन्न स्थानों पर बिखरे होने के कारण अपनी भाषा व संस्कृति को सहेज नहीं पाया ।
सिन्धी फ़िल्मों के माध्यम से हम सिन्धी भाषा का प्रसार करना चाहते है,तो हर राज्य मे मनोरंजन कर की मुक्ति के लिए महीनों मशक़्क़त करनी पड़ती है,वही स्थानीय भाषा की फ़िल्मों को पहले दिन से बिना माँगे ही कर की मुक्ति,केपीटल सब्सिडी व अन्य कई सुविधाएँ है ।
सिन्धू घाटी की सभ्यता,संस्कृति व भाषा को जीवित रखने के लिए हिन्द में भी सिन्ध राज्य का गठन होना चाहिये ।

टी मनवानी आनन्द,मुम्बई

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