पत्रिका की खबर से दुखी जयपुर मेयर ने लिखा संपादक को पत्र

ज्योति खण्डेलवाल
ज्योति खण्डेलवाल

सम्माननीय श्री गुलाब कोठारी जी,
राजस्थान पत्रिका,
जयपुर।

महोदय,
सादर अभिवादन

यह पत्र मैं अत्यन्त पीड़ा और खेद के साथ आपको इस आशा से भेज रही हूं कि राजस्थान के पत्रकारिता के पुरोधा श्रद्धेय कर्पूर चन्द कुलिश जी ने जिन मानदण्डों और उच्च आदर्शो के अनुरूप राजस्थान पत्रिका प्रकाशन को चलाया उसी तरह आप भी बिना किसी पूर्वाग्रह मेरे इस पत्र पर उचित संज्ञान लेगें।राजस्थान पत्रिका के जयपुर संस्करण मे दिनांक 02 मई, 2014 के पृष्ठ 4 पर दो टूक स्तम्भ के तहत माननीय श्री आशुतोष शर्मा द्वारा ‘बेशर्मी की हद’ शीर्षक से एक आलेख प्रकाशित हुआ है। आप स्वयं इसे पढें तो स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि यह आलेख ‘बेशर्मी की हद’ हैं। जो किसी भी तरह पत्रिका जैसे प्रकाशन समूह की गरिमा के अनुकूल नही हो सकता। यह पूरी तरह असत्य, मनगढ़न्त, एक तरफा, तथ्यों से परे जानबूझकर एवं इसमें वर्णित निगम की कथित नाकामयाबियों के लिये पूरी तरह जिम्मेदार अधिकारी के हित संरक्षण के लिये प्रकाशित किया गया है। इसमें मेरे विरूद्ध पूरी तरह अर्नगल, तथ्यहीन व झूठे आरोप लगाये गये है और इससे मेरी प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा है। मेरे कार्यकाल में जयपुर शहर में विकास कार्यो ने नया मुकाम हासिल किया और अनेक पुरस्कार प्राप्त किये, जबकि इस आलेख में मुझ पर नाकारापन का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाते हुये जो तर्क लिया गया वह स्वयं इस आरोप की असत्यता जाहिर करता है, कहा गया कि महापौर ने आम लोगो की लम्बी शिकायतों की फेहरिस्त जारी कर निगम सीईओ को जरूरी कार्यवाही के निर्देश के साथ भेजी। मेरे इस कार्य को ही मेरा ‘नकारापन’ कहा गया है।

राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी ही निगम के कामकाज के दायित्वाधीन है और महापौर सुपरविजन व निर्देशन का ही कार्य करती है। यहां यह बताना भी जरूरी होगा कि प्रावधानों के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी निगम के बोर्ड के अधीन है और निगम में बोर्ड भाजपा का है अतः वही नियन्त्रण के लिये जिम्मेदार है। इसमें मेरे किसी खास ‘ऐजेण्डे’ की बात की गई है। लेकिन इसका खुलासा नही किया गया। पूरा शहर जानता है कि मेरा जयपुर के विकास के साथ एक ही एजेण्डा रहा है जो कि निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है और इसी के चलते मैंने भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध खुली मुहिम छेड़ी और कांग्रेस शासन में भी भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष करती रही।

बेशर्मी की हद? विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिये मुझे जिम्मेदार बताया गया। विधान सभा चुनावों में कांग्रेस दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान के लगभग सभी जिलों में हारी जिसके लिये जयपुर की महापौर जिम्मेदार है तो यह वास्तव में कैसी खबर है, इसका निर्णय आप जैसे वरिष्ठ पत्रकार ही कर सकते है। इतना ही नही भविष्य का आकंलन रखने वाले लेखक के अनुसार ‘लोक सभा चुनाव’ में भी यदि कांग्रेस हारती है तो उसके लिये भी मेरी ‘कार्यप्रणाली’ ही जिम्मैदार होगी? यह कैसा आकंलन है?

आलेख में यह भी कहा गया है कि मैं कुर्सी छोड़कर प्रशासन के खिलाफ जनता के सामने क्यों नही आ जाती? यह कैसा समाचार-विचार है? यह केवल मेरा नहीं उस पूरी जनता का अपमान है। जिसने भारी बहुमत से विजयी बनाकर मुझे महापौर निर्वाचित किया। इस टिप्पणी से आलेख के पीछे कौन लोग है व क्या सोंच रहे हैं यह स्पष्ट हो जाता है। आलेख में मेरे विरूद्ध भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया है, उल्लेखनीय है कि ऐसे मामले पूर्व में भी उठाये गये थे और उनकी जांच होकर सही तथ्य सामने आ चुके है। आश्चर्यजनक व दुखद् यह है कि आलेख प्रकाशन से पूर्व मेरे विचार व मेरा पक्ष जानने की भी आवश्यकता नही समझी गई जो कि पत्रकारिता के सामान्य मानदण्डों का भी पालन नही किया गया।

यहां मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हॅु कि इस प्रकार के आलेख प्रकाशित कराने के पीछे वो अधिकारी ही शामिल है जिनके भ्रष्टाचार व नाकारापन के विरूद्ध मैं निर्णायक लड़ाई लड़ रही हूं और मुझे उम्मीद है मेरी इस लड़ाई में आप सच्चाई का साथ देकर मुझे प्रोत्साहित करेंगे। आप से विनम्र अनुरोध है कि आप उक्त आलेख पर विचार कर सही स्थिति अपने पाठकों के सामने लाये और मेरे विचारों को भी प्रकाशित कर पाठकों व मेरे दोनो के अधिकारों की रक्षा करें। मुझे आप से न्याय की पूरी आशा है।

सहयोग की आशा में,

ज्योति खण्डेलवाल
Mayor,
Nagar Nigam, Jaipur
Mob. No. 9829075978
Email : mayor.jaipurmc@gmail.com

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