जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति विद्या भवन शिक्षक महाविद्यालय, उदयपुर (राज.) को आदेश दिया कि वे छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण कर पुनरीक्षित वेतनमान की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से ाुगतान किये जाने की दिनांक तक वर्तमान में प्रावधायी निधि विभाग द्वारा राजकीय कर्मचारियों को देय ब्याज की दर से देय ब्याज सहित प्रार्थीया श्रीमती अमीना मुहीब को करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीया ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थीया श्रीमती अमीना मुहीब की नियुक्ति दिनांक ०२-०८-१९७६ को जुनियर इन्स्ट्रक्टर के पद पर अप्रार्थी संस्था में हुई थी। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए ९० प्रतिशत अनुदान प्राप्त करती है। जिसने विभिन्न तरीके अपनाकर कर्मचारियों को तंग व परेशान करने का मानस बना रखा था। प्रार्थीया ने अप्रार्थी संस्था से छठे वेतन आयोग के अनुसार बकाया वेतन देने का निवेदन किया। परन्तु अप्रार्थी संस्था ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रार्थीया के वकील डी.पी.शर्मा का तर्क था कि राजस्थान सिविल सर्विसेज (रिवाईज पे स्केल ) रूल्स, २००८ का लाभ राज्य सरकार के अधीनस्थ कर्मचारियो को दिनांक 1-9-2006 से दिया गया है उसी अनुसार मान्यता प्राप्त संस्था के कर्मचारी भी इसका लाभ प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने प्रार्थीया को राजकीय नियमानुसार छठे वेतन आयोग का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी मानते हुए उक्त लाभ बकाया होने की दिनांक से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।