चित्रण कला कुम्भ और कला प्रदर्शनी का समापन

चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए पूर्व सांसद व अन्य
चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए पूर्व सांसद व अन्य

भीलवाड़ा / कला किसी के परिचय की मोहताज नही है, बस केवल उचित मागदर्शन और देखरेख मे कला को निखारा जा सकता है। अभिव्यक्ति का अनुपम स्वरूप है कला। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कला का सम्मान करना चाहिए। यह बात पूर्व संासद हेमेन्द्र सिंह ने चित्रण कला सेवा संस्थान षाहपुरा द्वारा आयोजित चित्रण कला कुम्भ और कला प्रदर्शनी के समापन समारोह पर बतौर मुख्य अतिथि कहे।
समापन समारोह की अध्यक्षता बंकट सिंह शक्तावत ने की और विशिष्ट अतिथी ब्लॉक कंाग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप गुर्जर, कलागुरू यशवन्त श्रीवास्तव, कवि डा.कैलाश मंडेला, नाथद्वारा शैली के चित्रकार डी.एम.पंडित, यशवन्त जंागीड और मंागीलाल शर्मा थे। समारोह को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर मे शाहपुरा की फड़ कला दम तोड रही है। ऐसे मे संयोजक अभिषेक जोशी द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है।
सभी विलुप्त होने के कगार पर खड़ी कला और शैलियो के जीवनदान के लिए प्रयासरत कलागुरू श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा प्रतिस्पर्द्धा के समय मे कला को जीवित रखने के लिए सामाजिक स्तर पर सामूहिक प्रयास आवश्यक है। संस्थान सचिव अभिषेक जोशी ने अतिथियो का स्वागत किया। कार्यक्रम मे संचालन अविनाश शर्मा और प्रियंका मणियार ने किया। शुरूआत मे अयप्पाराज पाराशर ने सरस्वती वंदना पेश की। सभी प्रतिभागियों द्वारा पेश सांस्कृतिक प्रस्तुतियो ने ऐसी संमा बांधी कि अतिथियो और दर्शको को गद्गद् कर दिया।
समारोह में संचिना अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक, गीतकार बालकृष्ण बीरा, चित्रकार बी.एल.बारी, छोटूलाल पंवार, महावीर सेन राणा, सूर्यप्रकाश आर्य, गीतकार कैलाश कोली का अतिथियो द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। समारोह मे सभी सहयोगियो, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षणार्थियो तथा सभी शिविर शिक्षको का भी सम्मान किया गया।
रंगशाला रहेगी निरन्तर- संस्थान सचिव अभिषेक जोशी ने बताया कि कला नगरी शाहपुरा मे कला को जिवित रखने के इच्छुक कलाप्रेमियो के लिए शाहपुरा की परम्परागत फड चित्रकारी, कोलॉज, नाथद्वारा शैली, बणी-ठणी पेंटिग (किशनगढ), वरली आर्ट (महाराष्ट्र), पठचित्र शैली (उडीसा), मधुबनी पेंटिग(बिहार), पिछवाई पेंटिग का शाहपुरा में निरन्तर अभ्यास करने के लिए रंगशाला का शुभारम्भ किया जायेगा।
-मूलचंद पेसवानी

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