खाद्य वस्तुएं माल अधिनियम में शामिल होंगी

vasundhara 10बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिहाज से राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार कुछ खाद्य वस्तुओं को माल अधिनियम में शामिल करने की तैयारी कर रही है। यह अधिनियम 11 जुलाई से शुरू होने रहे विधानसभा सत्र के दौरान पारित कराया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने राशन की दुकानों एवं सहकारी समितियों के माध्यम से दाल एवं आलू-प्याज बेचने का निर्णय भी किया है। राज्य की सभी राशन की दुकानों पर इन वस्तुओं की बिक्री अगले एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी। आपूर्ति व्यवस्थित ढंग से हो सके इसके लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। यह टीम सभी जिला कलेक्टरों के सम्पर्क में रखकर आपूर्ति एवं मूल्य पर निगरानी करेंगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं माह में दो बार इस टीम के साथ बैठक करेगी। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए है कि वे जिला का आकस्मिक दौरा कर यह देखें की राशन की दुकानों एवं सहकारी समितियों पर आपूर्ति सही ढंग से हो रही है या नहीं। गौरतलब है कि दाल, चीनी एवं कोल्ड स्टोरेज में रखी जाने वाली वस्तुएं आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल नहीं होने से जमाखोरों को इसका फायदा मिलता है वे जमकर जमाखोरी करते है। अब अधिनियम में इन वस्तुओं को शामिल करने का मकसद जमाखोरी खत्म कर आम आदमी तक आवश्यक वस्तुएं सही ढंग से पहुंचाना है।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना का कहना है कि राज्य में स्टॉक होल्डिंग बहुत कम है, लेकिन जिन वस्तुओं पर ऐसा होने की जानकारी मिल रही है उन्हें अधिनियम में शामिल किया जाएगा। जिससे की जमाखोरी पर नियंत्रण हो सके।

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