जनजाति विवि का पूर्ण विकास है सरकार की प्राथमिकता

kiranजयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें आज प्रश्नकाल में राजस्थान में जनजाति विकास कार्यों एवं जनजाति क्षेत्रों में रिक्तियों पर प्रश्न उठाया। जनजाति विकास मंत्री नें बताया की राजसमंद क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में मात्र 127 लाख रुपये माडा कलस्टर एवं बिखरी क्षेत्र योजना में व्यय किया गया था। जबकि वर्ष 14-15 में 83 लाख रुपयों का बजट दिया गया है। किरण माहेश्वरी के पूरक प्रश्न के उत्तर में जनजाति विकास मंत्री नें बताया कि सभी राजकीय रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया दीपावली से पूर्व प्रारम्भ कर दी जाएगी। पूर्ववर्ती सरकार की उपेक्षा के कारण 5 वर्षों से कई पद रिक्त चल रहे हैं। इस कारण जनजाति वर्ग की आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान की योजनाओं पर प्रभाव पड़ा है।

किरण माहेश्वरी नें जनजाति विश्वविद्यालय कि स्थिति पर भी मंत्री से प्रश्न पुछा। जनजाति मंत्री नें बताया कि सरकार नें मात्र एक कुलपति की नियुक्ति की थी। इसमें कौनसे विषय लिए जाएंगे, क्या गतिविधयाँ होगी , विवि का क्षेत्र एवं स्वरुप क्या होगा, इस पर कोई भी रुपरेखा नहीं बनाई गई थी। जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में इस विवि के क्षेत्र, स्वरुप एवं विषयों पर चर्चा करके और अन्य राज्यों के जनजाति विवि का अध्ययन करके इस पर निर्णय लिया जाएगा। किरण नें कहा कि विवि का पूर्ण विकास सरकार की प्राथमिकता रहें।

विगत तीन वर्षों में नहीं खुला एक भी आयुर्वेदिक एवं होम्यो चिकित्सालय
किरण माहेश्वरी के आतारांकित प्रश्न के उत्तर में चिकित्सा मंत्री नें बताया कि विगत 3 वर्षों में प्रदेश में एक भी नया आयुर्वेदिक एवं होम्यों चिकित्सालय नहीं खोला गया है। इससे पूर्व के 2 वर्षों में भी मात्र 30 औषधालय खोले गए थे। विगत 5 वर्षों में मात्र 508 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की नियुक्तियाँ की गई। जबकि 2500 पद रिक्त रह गए। किरण नें कहा कि कांग्रेस सरकार में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी की भारी उपेक्षा की थी। उदयपुर की अनुसंधानशाला बंद कर दी गई। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में चिकित्सा शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं।

error: Content is protected !!