इंदौर में थानवी का कितना-सा द्वन्द्व नाटक मंचित

नाटक में साम्प्रदायिक विचारधारा रखने वालों पर आघात
IMG-20141205-WA0001बीकानेर। तीन दिवसीय राष्ट्रीय एकल नाट्योत्सव इंदौर में सबरंग ललित कला अकादमी के द्वारा प्रांजल क्षोत्रिय के निर्देशन में बीकानेर के नाटककार मोहन थानवी के एक पात्रीय हिंदी नाटक कितना सा द्वन्द्व का प्रभावी मंचन किया गया। जाल सभागृह में मंचित नाटक में नायक के रूप में भोपाल के अनंत तिवारी ने अपने अभिनय व विशिष्ट संवाद अदायगी से तालियां बटोरी। तिवारी ने बताया कि क्षोत्रिय ने अपने निर्देशन से नाटक के माध्यम से साम्प्रदायिक विचारधारा रखने वालों की सोच पर प्रभावी तरीके से आघात किया। गोधरा जैसी घटनाओं में अपनों को खोने का दर्द थानवी के इस नाटक में बखूबी उजागर हुआ। थानवी की उपलब्धि पर वरिष्ठ रंग अभिनेता प्रदीप भटनागर, गौतम केवलिया, नवयुवक कला मंडल के सुरेश हिंदुस्तानी, जयकिशन खत्री, किशन सदारंगानी आदि रंगकर्मियों-संस्कृति कर्मियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
थानवी का यह हिंदी नाटक राजस्थान सिंधी अकादमी जयपुर से पुरस्कृत कहानी अधुसरियलु झब्बो पर आधारित और राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर से नाट्य संग्रह रंग छवियां में प्रकाशित है।
नाटक में माइग्रेशन, भुखमरी, गरीबी, भ्रष्टाचार आदि धीर-गंभीर समस्याओं को रेखांकित करते हुए विकसित होते व बदलते परिवेश में भी मनुष्य का मनुष्य से दर्द का रिश्ता बदस्तूर कायम रहने, गरीबों के हालात और अमीरों के ख्यालात में कोई बदलाव नहीं होने, संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के स्वतंत्र रहने और गांव से शहरों की ओर अंधाधुंध दौड़ के औचित्य पर मर्मस्पर्शी संवादों से ध्यानाकर्षण किया गया है।
राजकुमार थानवी

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