(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने प्रार्थी इन्द्र प्रकाश गोयल के मामले में व्यवस्था दी है कि स पूर्ण राशि भुगतान की रसीद प्राप्त कर लेने से कर्मचारी के अधिकार पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इन्द्र प्रकाश गोयल की नियुक्ति अप्रार्थी संस्था में दिनांक २३-०७-१९७४ को वरिष्ठ अध्यापक के पद पर हुई एवं प्रार्थी की सेवानिवृत्ति दिनांक ३१-१२-२००९ को हुई परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थी को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, १९९८ तथा नियम, २००८ के प्रावधानों का लाभ, उपार्जित अवकाश का नकदीकरण, राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, २००८ के अनुसार उपदान की राशि आदि का भुगतान नहीं किया गया एवं प्रार्थी को प्रावधायी निधि खाते में राशि ५५०२१/- जबरन जमा करवाने हेतु कहा गया। प्रार्थी ने ग्रेच्यूटी की राशि पांचवे वेतन आयोग के अनुसार भुगतान कर स पूर्ण राशि भुगतान प्राप्त कर ली, इस संबंध में प्रार्थी के अधिवक्ता डी पी शर्मा का तर्क था कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, १९८९ की धारा २० के तहत कोई भी समझौता जो कि कर्मचारी के अधिकारों को छीन्नता है वह व्यर्थ होता है। मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने अप्रार्थी संस्था को आदेशित किया कि वे प्रार्थी को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, १९९८ तथा नियम, २००८ के प्रावधानों का लाभ देते हुये अन्तर की राशि की नकद अदायगी, उपार्जित अवकाश का नकदीकरण, राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, २००८ के अनुसार उपदान की राशि का भुगतान एवं प्रावधायी खाते में जबरन वसूली की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक वर्तमान में प्रावधायी निधि विभाग द्वारा राजकीय कर्मचारियों को देय ब्याज की दर से करे।
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018