सलमान के लिए आज का दिन रहेगा टेंषन भरा

सलमान खान की अर्जी पर आज आएगा फैसला

जोधपुर में सलमान की पेषी बुधवार को अदालत में जाती बहन अलवीरा व वकील।
जोधपुर में सलमान की पेषी बुधवार को अदालत में जाती बहन अलवीरा व वकील।

जोधपुर,शेख रईस अहमद। महानगर की एक अदालत ने हिरण षिकार के साथ अवैध हथियार रखने आरोपों का सामना कर रहे फिल्म अभिनेता सलमान खान की ओर से अंतिम बचाव बहस से ठीक पहले दायर अर्जी पर करीब डेढ घंटे की बहस के बाद बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। यह फैसला संभवतः गुरूवार को सुनाया जाएगा। सलमान ने अर्जी दाखिल कर मुम्बई पुलिस के उपायुक्त व लाईसेंसिंग ऑथेरिटी की गवाही के लिए जोधपुर बुलाने का आग्रह किया है। इस उपायुक्त ने सलमान को उसके खिलाफ अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज होने के लगभग एक साल बाद कथित तौर पर सलमान खान को नोटिस जारी कर कहा था कि सलमान खान ने हथियारों का इस्तेमाल हिरण षिकार के लिए किया है। ऐसे में क्यूं न उसका हथियार लाईसेंस निरस्त कर दिया जाए। इसी नोटिस को सलमान ने 16 साल पुराने मामले में अब अपने बचाव का हथियार बनाया है। सलमान के खिलाफ 1998 में हिरण षिकार के तीन अलग अलग मामलों के साथ अवधिपार लाईसेंस वाले हथियार साथ रखने के मामले में एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में सलमान को मुख्य न्यायिक मजिस्टेट जोधपुर जिला ने बचाव का अंतिम मौका देते हुए मंगलवार को अंतिम बहस करने का आदेष दिया था। बहस प्रारंभ करने से पहले जोधपुर पहुंची सलमान की बहन अलवीरा ने वकीलों के साथ अदालत में उपस्थित होकर सलमान की ओर से अर्जी दाखिल करवा दी। सलमान की ओर से अर्जी पर बुधवार को सीजेएम अनुपमा बिजलानी के समक्ष बहस करते हुए अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत व श्रीकांत ने उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालयों के विभिन्न फैसलों की नजीरे पेष की। इन्होंने तर्क दिया कि यदि किसी मामले में मेटेरियल एवीडेंस सामने आती है तो इसके आधार पर गवाह को परीक्षण के लिए बुलाया जाना चाहिए। अदालत देरी से अर्जी दाखिल करने के आधार पर अर्जी खारिज नहीं कर सकती। सारस्वत ने यह भी तर्क दिया कि मुंबई पुलिस की लाइसेंसिंग ऑथेरिटी का सलमान को जारी बचाव पक्ष के लिए अहम है। सलमान के खिलाफ मामला दर्ज होेने के करीब एक साल बाद यानि 29 दिसम्बर 1999 को यह नोटिस जारी किया गया था। इससे साफ जाहिर है कि सलमान का हथियार लाईसेंस इस अवधि तक वैध था इसके पास अवधिपार लाईसेंस का हथियार होने का आरोप गलत साबित होता है। सलमान के अधिवक्ताओं ने लंबी बहस करते हुए कहा कि अदालत को न सिर्फ सलमान को जारी नोटिस व उस पर दिए गए जवाब की प्रतियां बल्कि नोटिस जारी करने वाले उपायुक्त दलबीर आहूजा को गवाही के लिए तलब करना चाहिए। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक नंदकिषोर सांखला ने सलमान की अर्जी का जोरदार विरोध किया। उनका कहना था कि अभियुक्त की ओर से मामले को लंबा खिंचने की गरज से यह अर्जी दाखिल की गई है। मामला चूंकि अब अंतिम बहस तक पहुंच गया है ऐसे में इस तरह की अर्जी दाखिल किए जाने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने जोर देकर सलमान की दलीलों को मामले को लंबा खींचने की कोषिष का हिस्सा बताया। दोनो पक्षों की ओर से लगभग डेढ घंटे चली बहस के बाद सीजेएम बिजलानी ने मामले में फैसला गुरूवार तक सुरक्षित रख लिया। मामले की आज हुई बहस के दौरान सलमान की बहन अलवीरा भी कोर्ट में मौजूद थी।

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