समदड़ी के देवलियाली में हो रहे खनन में कायदे कानून ताक पर

खनन विभाग व प्रशासन बने मूक दर्शक
123बालोतरा। समदड़ी क्षेत्र के देवलियाली गांव में आबादी के निकट चल रहे खनन के कार्य में खनन के नियमो को ताक पर रखकर खनन कार्य हो रहा है। यहां पर लीज धारी जमीन के बाहर तो अवेध रूप से पत्थर का खनन कर ही रहे है ंसाथ ही आवंटित लीज में गहराई तक खनन करके पत्थर निकाले जा रहे है। जमीन के भीतर 30 से 50 फीट तक खुदाई करके पत्थर निकाला जा रहा है। अवेध रूप से जमीन के भीतर खनन होने से आवंटित लीज के आस पास अनेक स्थानो पर गहरे गडढे हो गये। गडढो से मूक पशु हादसो के शिकार हो रहे है। खनन के नियमो के मुताबिक लीज प्राप्त करने वाले ठेकेदार द्वारा केवल जमीन के बाहर वाले खनिज का ही खनन किया जा सकता है पर देवलियाली में हो रहे खनन के कार्य में ठेकेदार जमीन के अंदर के खनिज को निकाल प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान पहुचा रहे है। समदड़ी तहसिल के देवलियाली में लंबे समय से जमीन के अंदर से अवेध रूप से खनन का कार्य हो रहा है पर न तो खनन विभाग ओर न ही राजस्व विभाग ओर प्रशासन इन खनन माफियाओ के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रहा हैं। साथ ही खननकर्ताओ द्वारा उनको आवंटित लीज के अलावा लंबे समय गोचर व सरकारी जमीन से भी खनन किया जा रहा है। खननकर्ता यहां पर अवेध रूप से पत्थर को तोड़ने के क्रेशर भी चला रहे है। अवेध रूप से क्रेशर के चलने से आबदी क्षेत्र में पत्थरो की बारिश से हादसे हो रहे है ओर प्रदुषण हो रहा है। वही समदड़ी के प्रशासनिक अधिकारी ने हाल ही में इस अवेध खनन का निरीक्षण किया था पर तहसिलदार साहब को यहां पर किसी प्रकार का गहराई में हो रहा खनन ओर खनन से बने गहरे गडढे ओर तालाब कही नजर नही आये। समदड़ी तहसिलदार ने बताया कि उन्हे कही पर जमीन में होता खनन नही दिखा। तहसिलदार ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
आषियानो को छोड़ने की मजबुरी
समदड़ी तहसिल क्षेत्र के देवलियाली गांव में आबादी वाले इलाके में अवेध रूप से हो रहे खनन ओर क्रेशर के संचालन से एक दर्जन गरीब ग्रामीणो को अपने आशियानो को छोड़कर दर दर की ठोकरे खाने को मजबुर होना पड़ रहा है। सिलोर ग्राम पंचायत ने रेल्वे की पटरी के पास आबादी भुमी में गरीबो को इंदिरा आवास योजना में मकान बनकर दिये थे। इन सरकारी आवासो के निकट संचालित हो रहे क्रेशर प्लांट से बड़ी तादाद में पत्थर उछल कर इन इंदिरा आवासो पर गिरते है। लंबे समय से पत्थरो की बारिश होने से लोग अपने आशियानो को छोड़कर सरकारी जमीन में रहने को मजबुर हो रहे है। पत्थरो की बोछारो से इंदिरा आवास पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुके है। क्रेशर में पत्थर तोड़ने में विष्फोटक पर्दाथो के इस्तेमाल किये जाने से धमाके के साथ पत्थर दूर दूर तक समदड़ी कस्ब्ेा तक पहूच जाते है। अपनी आंखो क सामने अपने आशियानो को बर्बाद होते देख रहे ग्रामीणो ने बताया कि अवेध खनन ओर क्रेशर को बंद करवाने के लिये लंबे समय से प्रशासन ओर सरकार से गुहार की जा रही है पर कोई कार्रवाई नही हो रही है।
chandan bhati

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