जयपुर, 8 अप्रैल। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे अपने निक्कमेपन को छिपाने के लिये एक ओर खजाना खाली होने का ढ़िढोरा पीटकर प्रदेशवासियों को गुमराह करती रही और दूसरी ओर बैंक में हजारो करोड़ रूपये पड़े रहने के बावजूद सरकार अधिक ब्याज पर कर्ज लेती रही। आखिर सीएजी की रिपोर्ट ने इस सबकी पोल खोल दी हैं।
श्री गहलोत ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेशभर में लगातार यही कहती रही कि कांग्रेस सरकार का वित्तीय प्रबंधन इतना खराब था कि खजाना खाली करके गये है। इन जुमलों से ऐसा माहौल बनाती रही कि जैसे वास्तव में सरकार बहुत संकट में हैं। इसकी आड़ में वित्त विभाग सभी विभागों के तमाम प्रस्तावों को रद्द कर लौटाता रहा, सारे भुगतान रूके रहे, ठेकेदारों को भुगतान रोक दिया गया, जो काम चल रहे थे उन सबको रोक दिया गया चाहे वो इन्फ्रास्ट्रक्चर के हो, पानी के हो या सोशल सिक्योरिटी के हो या किसी भी विभाग के हों।
श्री गहलोत ने कहा कि हमारे पूरे पांच साल के कार्यकाल में 2009-10 व 2013-14 को छोड़कर 2010-11, 2011-12, 2012-13 में राज्य के बजट में रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति रही तथा 31 मार्च, 2013 को 12,127.82 करोड़ रोकड़ शेष निवेश था। इसी का परिणाम है कि 1 अप्रैल, 2014 को नई सरकार के पास 8997.56 करोड़ रूपये बचे हुये थे। यह खुलासा सीएजी रिपोर्ट में भी अब हुआ हैं।
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक श्री घनश्याम तिवाड़ी को हाउस में कहना पड़ा कि अल्पावधि प्रश्न का उत्तर दिलवानें के लिये उनको बार-बार स्पीकर से अनुरोध करना पड़ रहा है और सरकार फिर भी असलियत बतानें में आनाकानी कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक प्रकार से अच्छे टाइम पर सरकार की पोल खुली है। श्री घनश्याम तिवाड़ी ठीक ही पूछ रहे है कि बैंक में हजारों करोड़ रूपये पड़े रहे और सरकार ज्यादा ब्याज पर कर्ज लेती रही। बैंक ने सरकार को 4.5 प्रतिशत ब्याज दिया और सरकार ने जो कर्जा बाजार से लिया उसके बदले उसे 7 से 8 फीसदी ब्याज देना पड़ा, इससे राजकोष को हानि हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिये।
श्री गहलोत ने कहा कि पूर्व में मैंने कहा था कि वसुंधरा जी मुझसे बात करें मैं बताऊंगा कि खजाना कहां छिपा रखा है। उन्होंने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि वसुंधरा जी और उनकी सरकार को यह मालूम था कि खजाना कहां है फिर भी वो मुझ पर खजाना खाली होने का दोष लगाती रही। सीएजी की रिपोर्ट से अब सच्चाई सबके सामने है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अफसोस के साथ कहा कि उत्साह के साथ में विधायक जीत के आये थे, उन सबके क्षेत्र में काम ठप हो गये और आज भाजपा के विधायकों/सांसदों को भी जनता को जवाब देते नहीं बन रहा हैं।