पुलिस ने चंदन तस्कर नहीं, मजदूरों को मार गिराया

alangovanनई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पुलिस और चंदन तस्करों के बीच हुई मुठभेड़ पर सियासत शुरू हो गई है। कुछ स्थानीय नागरिकों ने बुधवार को इस मुठभेड़ में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। वहीं कांग्रेस नेता ईवीकेएस एलांगोवन का कहना है कि चित्तूर एनकाउंटर में पुलिस ने फायरिंग करने से पहले मासूम लोगों को चेतावनी तक नहीं दी।

आंध्र के जंगलों में 20 चंदन तस्करों को पुलिस ने मार गिराया
बता दें कि चित्तूर जिले के सेषचलम पर्वतीय क्षेत्र के जंगल में मंगलवार सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में लाल चंदन के बीस तस्कर मारे गए थे। यह तस्कर चंद्रागिरी के जंगलों में लकड़ी काट रहे थे। छह पुलिसकर्मी भी इस मुठभेड़ में घायल हुए थे। पुलिस का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में फायरिंग की थी।
एलांगोवन का कहना है कि इस मुठभेड़ में पुलिस ने मासूम लोगों को आत्मसमर्पण करने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘मुठभेड़ में मारे गए कई लोग मजदूर थे, जिन पर काफी बर्बर कार्रवाई की गई। पुलिस ने बिना चेतावनी दिए फायरिंग शुरू कर दी। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।’

मुठभेड़ के बाद हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार को मुठभेड़ की पूरी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इधर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम भी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर चंदन की लकड़ियों के कथित तस्करों को मार गिराए जाने की जांच का आदेश देने का दबाव बना रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एलांगोवन ने कहा, ‘इस मुठभेड़ में गरीब श्रमिक ही बलि का बकरा बने हैं। असली अपराधी तो बड़ तस्कर हैं जिनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।’

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