श्री नटराज ग्रुप, नाथद्वारा ने किया श्रमदान

10422531_987564411277662_5213280660469067469_nनाथद्वारा // नगर के प्रतिष्ठित श्री नटराज ग्रुप, नाथद्वारा की और से 1 मई मजदुर दिवस के दिन नगर के जिम्मेदार नागरिको द्वारा श्रमदान किया गया, श्रमदान में नगर के सुन्दर विलास की साफ़-सफाई की गई । दान का जीवन में अत्यधिक महत्व है, लेकिन श्रमदान उनमें सबसे बढ़कर है। इसमें तन और मन साथ-साथ काम करते हैं। इससे तन और मन संकल्पित होते हैं और व्यक्ति और समाज में सकारात्मकता आती है। नाथद्वारा धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी सभी की है इसलिए इस अभियान में अधिक से अधिक लोगों को श्रमदान के लिए आगे आना चाहिए। मानव जीवन में दान का बढ़ा महत्व है, दान कई रूप में किया जा सकता है। श्रमदान भी इसी का एक हिस्सा है क्योंकि इस दान के माध्यम से आम जनता को बड़ी राहत मिलती है। इसी उद्देश्य को लेकर आज श्री नटराज ग्रुप नाथद्वारा द्वारा नगर के सुन्दर विलास की साफ़- सफाई की गई । जल संरक्षण के लिए श्रमदान का यह प्रयास भविष्य में भी कस्बे की तस्वीर बदलने में महती भूमिका निभाएगा। इस कार्यक्रम से अन्य ग्रामों, कस्बो,शहरो में भी नागरिको में श्रमदान के प्रति रूचि बढ़ेगी । नाथद्वारा में स्थित प्राचीन तालाब, बाबड़ी एवं अन्य धार्मिक स्थलों में श्री नटराज ग्रुप के सदस्यों ने श्रमदान कर बरसात का पानी अधिक से अधिक जमा करने का एवं जमा गंदगी साफ़ करने का उद्देश्य निर्धारित किया है। इसी उद्देश्य के साथ आज नटराज ग्रुप के सदस्य परेश सोनी, पूर्व चेयरमैन गीता शर्मा, नील शर्मा, चन्दन मिश्रा, कोमल पालीवाल ,मीनाक्षी रावल, अनीता चौधरी, रामचंद्र पालीवाल, युवराज सिंह बारहठ, नील शर्मा, मनीष गुर्जर, रघुवंश मिश्रा, नरहरि चौधरी इत्यादि ने अपने साथियों के साथ श्रमदान किया। आज 20-25 लोग श्रमदान के लिए आगे आये , इन्हें देखकर लगता हैं आने वाले समय में पूरा क़स्बा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर श्रमदान कर अपने कस्बे को स्वर्णिम बनाने में महती भूमिका निभाएगा ।
श्रमदान में विकलांग रमेशचंद्र श्रीमाली ने जज्बा दिखाकर ग्रुप के अंदर जोश भर दिया है। वे एक बेहद सकारात्मक इंसान नजर आए। समाज सेवा का भाव मानों उनमे हिलोरें लेता हैं। उन्होंने न केवल ग्रुप में कंघा से कन्धा मिलाया, बल्कि यूं कहें कि अन्यो साथियो से दो कदम आगे चले। कुदरत की दी कमी को उन्होंने आज कहीं पीछे छोड़कर दिखाया। रमेशचंद्र श्रीमाली ने 2 बार कुण्ड में गोता लगाकर गंदगी-कचरे को किनारे लगा दिया। वे हमेशा प्रेरणा के स्रोत्र बने रहेंगे। आज एक बात स्पष्ट हो गई, वे बैसाखी के सहारे नहीं, इच्छाशक्ति के दम पर चलते हैं। इसी तरहा छोटे से बालक राघव ने भी इस मिशन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर कस्बे में एक मिसाल कायम की ।
ASHOKA JAIN

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