जयपुर। मेवाड के शोर्यपूर्ण पवित्र इतिहास को कुछ तथाकथित स्वयंभू इतिहासकारों की गलत जानकारी के आधार पर निजि प्रकाषक ब्लेकस्वान प्राईवेट लिमिटेड की किताब सेन्ट्रल ऐकेडमी स्कुल व विभिन्न अन्य स्कुलों की 7 वी कक्षा के पाठ्यक्रम की इतिहास की किताब जिसका नाम सक्सेस विथ गेटींग अहेडेड (success with getting ahead ) सिरिज की हिस्ट्री जोग्राफी सोषियल एण्ड पॉलिटिकल लाईफ में 41 पेज नम्बर पर यह दर्षाया गया है कि मेवाड की राजकुमारी भानूमति को शांहजहां की माता बताया गया है जिसमें शाहजहां का जन्म सन् 1592 ई. को होना बताया है जबकि एक छोटा सा बच्चा भी यह बात जानता है कि मेवाड से मुगलों का किसी भी तरह का वैवाहिक सम्बन्ध नहीं रहा है। जो कालखण्ड उसमें दर्षाया गया है उस काल खण्ड 1592 ई में स्वाभिमानी षिरोमणि महाराणा प्रताप मेवाड के महाराणा थे। और महाराणा उदयसिंह का निधन 1572 ई. में हो गया था। और उक्त कालखण्ड में मुगल राजपुत संघर्ष उत्कर्ष पर था। उपरोक्त भ्रमपूर्ण इतिहास प्रस्तुत करने की वजह से न केवल राजपुत समाज को बल्कि भारतीय इतिहास को भी कंलकित करने का दुष्प्रयास किया जा रहा है जिसकी जितनी निन्दा कि जाये उतनी कम है। जय राजपुताना सघं द्वारा स्कुलों व प्रकाषक को कड़े शब्दो में चेतावनी दी गई की ऐसी गलती कतई बर्दाष्त नहीं कि जा सकती है। उक्त किताब को तुरन्त प्रभाव से स्कुलो व बाजार से तुरन्त हटवाया जाय तथा बच्चो को सही इतिहास से परिचित करवाया जाये तथा इनको चेतावनी दी जाती है की दुबारा ऐसी गलती दौहराने का दुष्प्रयास नहीं करें। यदि इस गलती का सुधार नहीं किया जाता है तो इसके परिणाम गंम्भीर हो सकते है। तथा इस सबन्ध में मुख्य मन्त्री महोदया व षिक्षा मन्त्री को भी ज्ञापन दिया जायेगा।
भंवर सिंह रेटा
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