जल स्वावलम्बन के लिये सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता – अनिता भदेल

मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान का बागोर में हुआ शुभारंभ
IMG_20160127_111952भीलवाडा, 27 जनवरी। जिले में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान का शुभारंभ बुधवार को माण्डल तहसील के बागोर ग्राम में जिले की प्रभारी महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने किया । अभियान के शुभारंभ अवसर पर सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर, सांसद सुभाष बहेडिया, जिला प्रमुख पीरचंद सिंघवी, प्रभारी सचिव हेमन्त गेरा, जिला कलक्टर डॉ. टीना कुमार, जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.के. शर्मा सहित हरिसेवाधाम के महन्त हंसाराम, निम्बार्क आश्रम के महन्त मोहनशरण शास्त्राी, संकटमोचन हनुमान मंदिर के बाबूगिरी महाराज, घोडास हनुमान मंदिर के महन्त सरजूदास, मुस्लिम समाज के जमील आफताब, जैन धर्मगुरु अरविन्द मुनि तथा बागोर गुरुद्वारा के इकबाल सिंह व माण्डल की प्रधान आशा बैरवा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान का शुभारंभ बागोर ग्राम पंचायत के नवलपुरा ग्राम में राडाजीबावजी के स्थान पर 8.50 लाख रु. की लागत से बनने वाले एनीकट के शिलान्यास के साथ हुआ। शुभारंभ अवसर पर प्रभारी मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल सहित अतिथियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत शिला पूजन किया। प्रभारी मंत्राी ने अतिथियों के साथ शिलान्यास के पश्चात् सामूहिक श्रमदान भी किया।
एनीकट के शिलान्यास कार्यकम के पश्चात् आयोजित समारोह में उपस्थित ग्रामीणजनों को मारवाडी भाषा में सहज रुप से संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्राी श्रीमती भदेल ने कहा कि राज्य एवं जिले में निरन्तर वर्षा की कमी तथा गिरते भू-जल स्तर के कारण मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान प्रारंभ किया गया है। यह मुख्यमंत्राी वसुन्धरा राजे द्वारा प्रारंभ किया गया महत्वपूर्ण अभियान है। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत वर्षा जल के संचय के लिये सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। सरकार, जनप्रतिनिधि तथा आमजन को कृत संकल्पित होकर अभियान को सफल बनाना होगा। इसके लिये हमसब को तन, मन, धन से अभियान से जुडना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पानी की सदैव कमी रही है। हमें पानी की कीमत समझनी होगी। पानी का आवश्यकतानुसार उपयोग तथा पानी की मितव्ययता हमसब की नैतिक जिम्मेदारी है। पानी का कम उपयोग करते हुए दैनिक व्यवहार में पानी के अपव्यय को रोकना होगा। जिस तरह हम पैसे का व्यय बजट बनाकर करते हैं उसी तरह पानी का भी उपयोग करें। भौतिक संस्कृति को अपनाने के बजाय प्राकृतिक व पुराने परम्परागत तरीकों का उपयोग करते हुए पानी बचायें।
प्रभारी मंत्राी ने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रथम चरण में जिले की सभी 12 पंचायत समितियों की 54 ्रग्राम पंचायतों के 148 गांवों का चयन कर उनमें जल संरक्षण के कार्य करवाये जायेंगे। जिले में जल संरक्षण कार्यो के लिये 100 करोड रु. की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है।
श्रीमती भदेंल ने कहा कि खेत का पानी खेत में तथा गांव का पानी गांव में रहे इसके लिये जल संरक्षण अभियान से आमजन को जोडना होगा। यह कार्य पूण्य का कार्य है। अभियान के तहत आर्थिक रुप से या श्रमदान करके भी सहयोग किया जा सकता है। प्रभारी मंत्राी ने समारोह में उपस्थित लोगों को जल संरक्षण एवं जल के बचत संबंधी शपथ भी दिलाई।
समारोह को संबोधित करते हुए सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने कहा कि जिले में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की शुरुआत के लिये ऐतिहासिक स्थल बागोर का चयन किया गया है। उन्होंने जल संरक्षण के लिये जंगल बचाने तथा अधिकाधिक पेड लगाने का आह्वान किया। मुख्य सचेतक ने कहा कि पुराने समय में
राजा-महाराजाओं ने कुए, बावडी, तालाब तथा कुण्ड का निर्माण करवाकर इतिहास में स्थान पाया है। सामूहिक हित के कार्यो में आमजन को जागरुक होना होगा। जल संरक्षण अभियान में हमसब को किसी न किसी तरह सहयोग करते हुए अपनी भावी पीढी को भी इसके लिये जागरुक करना होगा।
सांसद सुभाष बहेडिया ने अभियान के शुभारंभ अवसर पर कहा कि आमलोगों के लिये प्रारंभ किये गये इस अभियान में हम सबको तन-मन-धन से अधिकाधिक सहयोग करना होगा तभी अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी और अभियान का लाभ आमजन तक पहुंच सकेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख पीरचंद सिंघवी ने कहा कि पानी बिना सब सूना है। जल ही जीवन है को आधार मानकर पानी का संचय करें ताकि सभी लोगों के लिये पानी की उपलब्धता बनी रहे।
जिले के प्रभारी सचिव हेमन्त गेरा ने अभियान के शुभारंभ अवसर पर कहा कि मारवाड में पानी को घी से भी ज्यादा महत्व प्रदान किया जाता है। घी ढुलजाने पर जितना अफसोस नहीं होता उतना पानी का लोटा ढुल जाने पर होता है। भीलवाडा में भी पेयजल के लिये पानी रेल द्वारा परिवहन करके लाना पड रहा है। ऐसी परिस्थितियों मंे आमजन का नैतिक दायित्व है कि जल संरक्षण अभियान से जुडकर अभियान को सफल बनायें। पानी व्यर्थ न बहें, नलों की टोटियों को दुरुस्त रखें। आर्थिक रुप से सहयोग न कर सकें तो अभियान में श्रमदान के माध्यम से ही सहयोग करें। जल स्रोतों की आवक से अवरोध हटायें।
जिला कलक्टर डॉ. टीना कुमार ने कार्यक्रम में कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जिले में नाडी निर्माण, एनिकट, वृक्षारोपण सहित पानी रोकने के विभिन्न कार्य करवाये जायेंगे। गांव का पानी गांव में तथा खेत का पानी खेत में रहे इसके लिये जल संरक्षण कार्यो को अभियान के रुप में चलाया जा रहा है। जिले में अभियान की सफलता के लिये जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा आमजन के सहयोग की अपेक्षा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दामोदर अग्रवाल ने कहा कि वर्षा की कमी, जनसंख्या वृद्धि व जीवनस्तर के साथ साथ पानी की आवश्यकता बढी है। गिरता जलस्तर चिंता का कारण है। जल प्रबंधन को समझना होगा। आने वाली पीढी पर बडा जल संकट सामने आ सकता है। इस जल स्वावलम्बन की दूरदर्शी योजना को अवश्य सफल बनायें।
मुूख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के शुभारंभ पर हरिसेवाधाम के महन्त हंसाराम ने कहा कि वर्तमान समय में जल का दुरुपयोग अपराध माना जाना चाहिए। हमें अधिकाधिक वृक्ष लगाकर जल स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए ताकि मानव सहित पशु-पक्षियों को भी जल उपलब्ध हो सके। पानी, हवा तथा धरती की सभी प्राणियों को आवश्यकता होती है। निम्बार्क आश्रम के महन्त मोहनशरण शास्त्राी ने कहा कि जनसंख्या बढने के साथ साथ प्रकृति की नाराजगी सामने आ रही है। आज भू-जल का दोहन नहीं वरन् शोषण हो रहा है। इस अभियान में सरकार के भरोसे नहीं रहकर प्रत्येक व्यक्ति को इससे जुडना होगा।
कार्यक्रम में मुस्लिम समाज के जमील आफताब ने कहा कि पानी के बिना जिन्दगी नहीं है। पानी के मोल को समझें। गुरुद्वारा बागोर साहिब के इकबाल सिंह ने कहा कि जल को देवता माना गया है। जल का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। समारोह को संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी तथा जैनमुनि अरविन्द ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के जिले में शुभारंभ अवसर पर प्रभारी मंत्राी तथा अतिथियों के आर्थिक सहयोग के आह्वान पर जल स्वावलंबन कार्यो के निर्माण हेतु माण्डल के उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार तथा विकास अधिकारी द्वारा 5-5 दिन का वेतन देने, बागोर की सरपंच ज्योति देवपुरा द्वारा 51000 रु. के आर्थिक सहयोग सहित विभिन्न लोगों द्वारा आर्थिक व श्रमदान के सहयोग की घोषणा की गई। श्रमदान करने वालों के सहयोग के आंकलन हेतु कार्यस्थल पर एक रजिस्टर का संधारण किया जायेगा तथा श्रमदान का आंकलन कर उनके सहयोग को वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जायेगा। आर्थिक सहयोग देने वालों के नाम कार्यस्थल पर अंकित करवाये जायेंगे।
कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य ज्योति सेन, रामेश्वर जाट, बागोर की सरपंच ज्योति देवपुरा, मणिराज सिंह, बागोर तथा आसपास की पंचायतों के जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा बडी संख्या में ग्रामीण पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित थे। अतिथियों ने एनिकट निर्माण स्थल पर वृक्षारोपण भी किया। कार्यक्रम का संचालन पंडित अशोक व्यास ने किया।
बागोर गुरुद्वारा में हुआ प्रभारी मंत्राी का स्वागतः
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के जिलास्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम के पश्चात् जिला प्रभारी मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल तथा अतिथियों का गुरुद्वारा बागोर साहेब में गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी तथा सरदार इकबाल सिंह की ओर से सरोपा भेंटकर सम्मान किया गया। प्रभारी मंत्राी तथा अतिथियों को 300 साल पूर्व दसवें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह के बागोर प्रवास स्थल पर निर्मित गुरुद्वारे की ऐतिहासिकता से अवगत कराया गया।

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