जैसलमेर मरू महोत्सव: खूब जमी सांस्कृतिक संध्या

विख्यात कलाकारों ने बिखेरी बहुरंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

001002006जैसलमेर, 20 फरवरी। जैसलमेर में विष्व विख्यात ‘मरू महोत्सव‘ 2016 के पहले दिन शनिवार की शाम शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न प्रान्तों से आए ख्यातनाम कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेष कर दर्षकों का मन मोह लिया। इस दौरान जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार व उप वन संरक्षक अनूूप के. आर., जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान अमरदीन फकीर की मेहमानी में जिला प्रषासनिक अधिकारी, सेना व पुलिस अधिकारी के साथ ही हजारों की संख्या में देषी विदेषी पर्यटक मौजूद थे जिन्होंने मरू मेले की सुरमयी सांस्कृतिक सांझ का भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर आयुक्त नगर परिषद इंद्र सिंह राठौड़, पर्यटन विभाग के सहायक निदेषक विकास पंड्या सहित विभिन्न अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि तथा शहर व आसपास के क्षेत्रों के संगीतप्रेमी उपस्थित थे।
सांस्कृतिक सांझ की शुरुआत दिल्ली से आए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार सुरेष चंद्र व्यास व उनके दल द्वारा जोगी जाति द्वारा किया जाने वाला कालबेलिया नृत्य पेष कर दर्षकों की वाहवाही लूटी। इसी ख्यातनाम कलाकार द्वारा शारीरिक संतुलन पर आधारित ‘भवई नृत्य‘ पेष किया गया। इन्हांेने इस नृत्य में कथक नृत्य का पुट देकर जीवंत प्रस्तुति दी। इस कलाकार ने नकुली तलवार व कांच के टुकड़ों पर खड़े होकर नृत्य पेष करते हुए दर्षकों को स्तब्ध सा कर दिया। सिर पर सात मटके रख कर संतुलन बनाते हुए नृत्य पेष कर दर्षकों की वाहवाही लूटी। कलाकार ने महाराष्ट्र की लोक नाट्य शैली तमाषा पर आधारित लोकनृत्य लावणी की प्रस्तुति भी दी।
मरू महोत्सव की भव्य सांस्कृतिक संध्या में जैसलमेर के विख्यात लोक कलाकार गाजी खां बरणा एवं उनके दल के 35 लोक कलाकारों द्वारा राजस्थान के सभी लोक वाद्य जिसमें कमायचा, मोरचंग, सुरनाई, ढोल एवं खड़ताल के एक लय ताल के साथ जुगलबंदी की प्रस्तुति देकर दर्षकों का मन मोह लिया। इन कलाकारों ने राजस्थानी लोकगीत ‘बीटी म्हारी सोने री होती…‘ ‘नीम्बूड़ा….‘ ‘दमादम मस्त कलंदर…‘ पेष कर राजस्थानी संस्कृति से सरोबार कर दिया। जैसलमेर की बिजली के रूप में विख्यात कलाकार अन्नु एवं उदाराम ने अग्नी नृत्य की प्रस्तुत देकर माहौल में रोमांच ला दिया। सांस्कृतिक संध्या में पंजाब की मार्षल आर्ट को समर्पित स्वरक्षा आधारित ‘गटका‘ की विख्यात कलाकार ओमकार सिंह एवं उनके दल ने प्रस्तुति देकर पंजाबी संस्कृति से साक्षात कराया।
सांस्कृति सांझ में दिल्ली से आए प्रसिद्ध कलाकार पप्पू भट्ट ने महाराष्ट्र में प्रचलित विषेष ढोलवादन शैली पर आधारित नासिक ढोल वादन पेष कर माहौल में रोमांच पैदा कर दिया। मरू महोत्सव में पहली बार शामिल की गई ‘जैसलमेर गोट टैलेंट‘ प्रतियोगिता में गैर व्यावसायिक कलाकारों को उचित मंच प्रदान कर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया। इस प्रतियोगिता में जैसलमेर के स्थानीय युवा कलाकारों ने गीत एवं अन्य प्रस्तुतियां पेष कर अपनी प्रतिभा दिखाई। सांस्कृति समारोह में बालोतरा से आए गैर आंगी कलाकार सुषील माली एवं उनके दल ने ढोल की थाप एवं थाली की झंकार पर गैर नृत्य प्रस्तुत कर माहौल में होली के रंगो सा सरोबार कर दिया। पाली जिले के पादरली के लोक कलाकारों ने बाबा रामसा पीर के भजनों पर तेरह ताली की प्रस्तुति भी दी।
सांस्कृतिक समारोह के दौरान स्टेडियम का चप्पा चप्पा दर्षकों से भरा रहा। सांस्कृतिक सांझ की आकाषवाणी के उद्घोषक जफर खां सिंधी ने अपनी खनकती आवाज में कार्यक्रम का संचालन किया एवं उनकी खूबियों के बारे में दर्षकों को अवगत कराया।

chandan singh bhati

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