जयपुर, 24 फरवरी। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने बुधवार को माही और ईसरदा बांध के माध्यम से आसपास के क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में जल संसाधन विभाग और रिवर बेसिन ऑथिरीटी के अधिकारियों के साथ बैठक ली, जिसमें कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
शासन सचिवालय में आयोजित इस बैठक में बनास नदी पर प्रस्तावित ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिलों को पानी उपलब्ध कराने पर विस्तार से चर्चा की गई। सन 2013 में प्रस्तावित योजना पर कुल 530 करोड़ रुपए व्यय होने थे लेकिन नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम और बांध को बड़ा करने के कारण इसकी लागत बढ़कर 1856 करोड़ रुपए हो गई। बढ़ी कीमत की स्वीकृति के लिए इसे वित्त विभाग भेजने का निर्णय लिया गया। स्वीकृति प्राप्त नहीं होने तक जल संसाधन विभाग द्वारा आमंत्रित निविदा को भी स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
रिवर बेसिन ऑथोरिटी के चेयरमैन श्री श्रीराम वेदिरे ने बनास नदी पर विभिन्न स्थानों पर एनिकट निर्माण कर सम्पूर्ण क्षेत्र को लाभान्वित करने का अध्ययन और जल संसाधन विभाग और रिवर बेसिन ऑथोरिटी द्वारा रिपोर्ट तैयार प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने परवन-कालीसिंध-चंबल योजना से ईसरदा परियोजना के लाभान्वित किए जाने वाले क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराने की संभावना तलाशने पर भी जोर दिया।
इस मौके पर माही बांध से उदयपुर संभाग के सभी छह जिलों को पेयजल के लिए जल आरक्षण बाबत भी चर्चा की गई। इसके अंतर्गत जल संसाधन विभाग से स्थानीय स्रोतों एवं उनसे संभावित लाभान्वितों को जलारक्षण उपलब्ध करवाने के लिए चर्चा की गई। साथ ही पेयजल में मांग व स्थानीय स्रोतों से जल उपलब्धता के बाद रही गैप को माही से जलापूर्ति करने पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जलदाय एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी राज्य सरकार को जलारक्षण के बाबत निर्णय के लिए नोट बनाकर भेजेगी।
बैठक में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जेसी महान्ति, जल संसाधन विभाग के शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा, जलदाय विभाग के सचिव श्री सुबीर कुमार सहित सभी विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।