गोपालसिंह जोधा
अजमेरनामा जैसलमेर स्वर्णनगरी का राजकीय संग्रहालय सुरक्षा के लिहाज से बेहद कमजोर है। यहां मरुस्थलीय क्षेत्र की पुरातन सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजकर रखा गया है, लेकिन यदि कभी दुर्भाग्यवश आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। दिल्ली के मंडी हाउस स्थित संग्रहालय में जिस तरह अग्रिकांड ने प्राचीन विरासत को भारी नुकसान पहुंचाया, कुछ वैसा ही किस्सा जैसलमेर स्थित राजकीय संग्रहालय के साथ घटित होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
आग बुझाने के लिए रखी हैं बाल्टियां
एक तरफ केन्द्र और राज्य सरकारें किसी भी महत्वपूर्ण स्थान जहां लोग एकत्रित होते हो, वहां आग लगने पर उसे बुझाने के उपकरण अनिवार्य रूप से रखने पर जोर दे रही हैं, वहीं खुद सरकार की ओर से स्थापित जैसलमेर के राजकीय संग्रहालय में आग बुझाने के लिए कोई उपकरण नहीं रखे गए हैं। कायदे से यहां आग पर नियंत्रण के लिए उपकरण रखे होने चाहिए, लेकिन उसके स्थान पर यहां पानी व रेत से भरी बाल्टियां हैं।
जोखिम वाले स्थान पर है संग्रहालय
जैसलमेर का राजकीय संग्रहालय पुलिस लाइन कॉलोनी के पास है तथा उससे सटा हुआ टूरिस्ट बंगलो है। पीछे बड़ी तादाद में झाड़-झंखाड़ उगे हुए हैं। ऐसे में यहां कभी भी आग लगने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। आसपास में सघन आबादी क्षेत्र नहीं होने से आग बुझाने के लिए केवल दमकल की गाडिय़ों की बाट जोहने के अलावा और कोई चारा नहीं रहेगा।
1984 में स्थापित किया गया संग्रहालय
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से 5 सितम्बर 1979 को जैसलमेर में संग्रहालय का शिलान्यास किया गया और 14 फरवरी 198 4 को संग्रहालय खोला गया। तब से लेकर वर्ष अगस्त 1996 तक यह संग्रहालय नि:शुल्क था। संग्रहालय में जीवाश्म, खनिज, पाषाणकालीन हथियार, ताम्रपत्र, शिलालेख, सिक्के, लोककला सामग्री, काष्ठï, हस्तशिल्प कला एवं प्राचीन प्रतिमाओं का प्रदर्शन किया गया हैं। यहां किराडू़ की प्राचीन मूर्तियां व देवी देवताओं की दुर्लभ कलात्मक मूर्तियां, राजस्थान की परम्परागत चित्रकला में ऊंट की छटा के विविध आयाम, प्रदेश वासियों के सौन्दर्य बोध का प्रतीक विविध कलात्मक वस्त्र आदि यहां रखे हैं। इसके अलावा यहां लूणी घाटी से प्राप्त मध्य पाषाणकालीन उपकरण तथा तिलवाड़ा बाड़मेर के उत्खनन से प्राप्त लघु पाषाण उपकरणों कोर, स्क्रेपर ब्लेक, लेटड कोर, लूनेट, पाईट आदि को प्रदर्शित किया गया है।
निदेशालय को लिखा गया है
संग्रहालय में आग बुझाने के यंत्रों की वर्तमान में व्यवस्था नहीं है। इसके लिए निदेशालय को लिखा गया है। यहां राउंड द क्लॉक चौकीदार की व्यवस्था सुरक्षा के लिहाज से की हुई है।
– महेन्द्र कुमार लिम्हान, अधीक्षक राजकीय संग्रहालय, जैसलमेर