जिला चिकित्सालय में चल रहे रोगी सेवा केंद्र को बंद कराने का आरोप

baran samacharफ़िरोज़ खान बारा,( राजस्थान ) । 27 मई। श्री पार्श्वनाथ मानव सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिव कविश जैन ने आज 27 मई को प्रेस कांफ्रेन्स आयोजित कर राजस्थान की भाजपा सरकार, स्थानीय सांसद दुष्यंत सिंह के दबाव में जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा सारे नियम कायदे लांघकर शासन की कठपुतली बनकर जिला चिकित्सालय में चल रहे रोगी सेवा केंद्र को बंद कराने, सेवा केंद्र का लगभग 20-25 लाख रूपए कीमत का राषन, गैस सिलेण्डर, भट्टियां, बर्तन, रजाई, गद्दे, फ्रीजर एवं अन्य सामान सरकारी कब्जे में लेने के कदम को दमनात्मक बताया है। उन्होनें बताया कि जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा सारी कार्यवाही नियम कायदों को ताक पर रखकर करवाई गई है। न्यायालय से रोगी सेवा केंद्र परिसर को खाली कराने का कोई आदेष नही हुआ। उन्होनें बताया कि प्रमुख चिकित्साधिकारी, राजकीय चिकित्सालय, बारां द्वारा दिनांक 31.10.2006 को जिला कलक्टर बारां की अध्यक्षता में आयोजित मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय की पालना में श्री पार्ष्वनाथ मानव सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट को रोगी सेवा केंद्र संचालन हेतु परिसर का आवंटन हुआ था। आवंटन के पश्चात ट्रस्ट द्वारा चिकित्सालय में भर्ती रोगियों के लिए दोनों समय रोगी आहार, प्रातःकालीन शुद्व गाय का दूध, रोगी परिजनों को दोनों समय भोजन देने का कार्य किया जा रहा था। इसके बाद ट्रस्ट द्वारा दो डेड बॉडी एम्बूलेंस एवं रोगी तथा रोगी परिजनों के ठहराव के लिए रेन बसेरा प्रारंभ किया गया। डेड बॉडी एम्बूलेंस के द्वारा मृत पार्थिव शरीर को निःषुल्क उसके गांव एवं आवास तक पहुंचाने की व्यवस्था थी। ट्रस्ट द्वारा अस्पताल में आने वाले रोगियों, रोगी परिजनों को शुद्व एवं ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वाटर कूलर तथा प्याऊ की सेवाएं भी निरंतर दी जा रही थी। रोगी एवं उनके परिजनों को प्रतिदिन लगभग 1500 व्यक्तियों को निःषुल्क भोजन सुविधा तथा लगभग 250 मरीजों को प्रतिदिन प्रातःकालीन दूध दिया जा रहा था। डेड बॉडी एम्बूलेंस के द्वारा अस्पताल में मृतकों के लगभग 2150 पार्थिव शरीर निःषुल्क उनके गांव तथा आवास तक पहुंचाए गए। इसी के साथ ब्लड कैम्प लगाकर लगभग 6 हजार यूनिटस ब्लड जरूरतमंदों के लिए ब्लड बैंक को उपलब्ध करवाया गया। उन्होनें बताया कि ट्रस्ट द्वारा पीड़ित मानवता की सेवा के उक्त सभी कार्यो के लिए सरकारी सहायता का एक पैसा नहीं लिया गया एवं सभी सेवा कार्य ट्रस्ट के संसाधनों से संचालित हो रहे थे। रोगी सेवा केंद्र के खान-पान एवं सेवा कार्यो की किसी भी रोगी या रोगी परिजन द्वारा पिछले दस साल में कोई षिकायत नही हुई एवं अस्पताल प्रषासन भी सेवा कार्यो से संतुष्ट था। ट्रस्ट द्वारा जाति, धर्म, लिंग एवं राजनैतिक बंधनों से मुक्त होकर निस्वार्थ भावना से सेवाएं दी जा रही थी, इससे समाज के हर तबके को सहायता मिल रही थी। पीड़ित मानवता की सेवा ही ट्रस्ट का प्रथम एवं अंतिम उद्वेष्य तथा भावना रही और इसी पर कार्य हुआ। उन्होनें बताया कि राजस्थान की भाजपा मुख्यमंत्री, झालावाड़-बारां सांसद के दबाव में आकर जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक ने दिनांक 26 मई 2016 को अस्पताल प्रषासन से मध्यान्ह 3 बजे खाली करवाने का नोटिस चस्पा कराकर उसी समय चारों तरफ से पुलिस घेराबंदी की गई, जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक बारां के आदेषों पर अतिरिक्त जिला कलक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप जिला कलक्टर बारां, उप पुलिस अधीक्षक बारां, तहसीलदार बारां एवं अन्य ने ट्रस्ट का सारा सामान लाए गए ट्रकों में भरवाकर अज्ञात स्थान पर ले गए। ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा इसका कारण जानने पर पुलिसकर्मियों द्वारा उनसे मारपीट तथा अधिकारीगण द्वारा अभद्रता की गई, उन्हें एक कमरें में बंद कर जहां तक कार्यवाही पूरी नहीं हुई बंदी बनाए रखा। उन्होनें बताया कि बारां के जिला प्रषासन एवं पुलिस प्रषासन के अधिकारियों ने रोगियों एवं रोगी परिजनों के लिए बनाए गए सांयकालीन भोजन को नालियों में फिंकवा दिया, ट्रस्ट के एडवोकेट के वहां पहुंचने पर उन्हें अंदर जाने की स्वीकृति नही दी। उप जिला कलक्टर एवं उप पुलिस अधीक्षक बारां यही कहते रहे कि सारा कार्य जिला कलक्टर बारां व जिला पुलिस अधीक्षक बारां के आदेषों की पालना में हो रहा है। ट्रस्ट द्वारा पिछले दस साल से रोगी सेवा केंद्र में सभी कार्य पीडित मानवता की सेवा के लिए समर्पित भाव से किए जा रहे थे। ट्रस्ट द्वारा दी गई सेवाओं में कोई कमी रही तो ट्रस्ट बारां जिले की जनता से क्षमा चाहता है। जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक बारां एवं उनके कारिन्दों द्वारा इंसानियत को कुचलकर जो नंगा नाच अस्पताल परिसर में मचाया उसके लिए बारां जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक साधुवाद के पात्र है, परमेष्वर इन्हें सद्बुद्वि दे। ट्रस्ट का इन दोनों अधिकारियों से आग्रह है कि जनता के रक्षक बनकर कार्य करें न की भक्षक बनकर पीड़ित मानवता को कुचलने का दमनात्मक कार्य करें। ईष्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। आज नही तो कल इसके परिणाम ऊपर वाले के दरबार से सामने आ सकेंगे।

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