यु.आई.टी सचिव को गिरफ्तार करों

एसडीपीआई ने एकदिवसीय धरना देकर मांग की
4x630-5-16फ़िरोज़ खान बारां, ( राजस्थान ) ।कोटा दिनांक 30 मई 2016 सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया (एसडीपीआई) के आहवान पर आज कोटा जिला इकाई द्वारा एकदिवसीय धरना कोटा कलेक्ट्रेट पर आयोजित किया गया इस धरने का उद्देश्य गत दिनों स्टेशन के कैलाशपुरी क्षैत्र में युआईटी प्रशासन द्वारा मस्जिद को शहीद किया गया था इस दौरान प्रशासन द्वारा ना तो किसी भी स्थानीय नागरिकों और ना ही क्षैत्र के बुद्धिजीवियों सहित कोटा शहर काजी साहब को अवगत कराकर विश्वास में लिया गया इस पूरी घटना में युआईटी सचिव मोहनलाल यादव की मंशा पूरी तरह से नकारात्मक थी जिसके चलते एक धार्मिक स्थल को तोडते समय किसी भी प्रकार के विवेकपूर्ण निर्णय को ध्यान में नहीं रखा गया। इस घटना के दौरान जब स्थानीय महिलाओं द्वारा मस्जिद में रखी गई पुस्तके एवं पवित्र कुरान शरीफ को निकाले जाने की लाख मिन्नते भी की गई परन्तु युआईटी प्रशासन द्वारा की गई इस तानाशाही पूर्ण तोडफोड की कार्यवाही से कुरान शरीफ व अन्य धार्मिक ग्रन्थों को जमीन पर गिरा दिया गया, इन पर मलबा व अन्य प्रकार के अपवित्र सामग्री गिरने तथा इनका कटफट जाने से इनको काफी श्रति हुई इससे पूरे शहर भर के मुस्लिम जनों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई और शहर में अशांति उत्पन्न हुई।

एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद शफी ने इस धरने पर अपने वक्तव्य पर कहा कि युआईटी सचिव ने इस मस्जिद को तोडते वक्त जरा भी गंभीरता नहीं बरती यहां तक की धार्मिक स्थल की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखा और इसके बाद जितना भी माहौल अशांत हुआ इसके लिए युआईटी प्रशासन एवं सचिव ही जिम्मेदार है हमारी प्रमुख मांग है कि इस पूरे प्रकरण में जो घोर अनियमितताएं बरती है उसके लिए युआईटी सचिव को जिम्मेदार मानते हुए इन पर धार्मिक स्थल तोडने, पवित्र कुरान शरीफ का अपमान करने, धार्मिक भावनाओं को ठेंस पंहुचाने के बाद उत्पन्न हुई अशांति भंग के आरोप में मुकदमें दर्ज कर इन्हें तुरन्त गिरफ्तार किया जाए। चूंकि इस घटना से ऐसा भी प्रतीत होता है कि राज्य की भाजपा सरकार अपने साम्प्रदायिक ऐजेंडे के साथ इस प्रकार के अधिकारियों को शह दे रही है जिसके चलते इस प्रकार के परिणाम सामने आ रहे है। साथ ही घटनास्थल पर अपनी आस्था को लेकर क्षतिग्रस्त हुई मस्जिद को देखने पंहुचे कई बेकसूर लोगों पर पुलिस ने अनुमान से मुकदमें दर्ज किये गऐ उन सभी बेकसूर लोगों के नाम इन मुकदमों से हटाए जाए तथा निर्दोष लोगों की पुलिस द्वारा की जा रही गिरफ्तारी बन्द की जाए।

जिलाध्यक्ष जफर चिश्ती ने कहा कि युआईटी सचिव के इशारे पर जो यह घटना हुई वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं पक्षपात पैदा करने वाली है इसके लिए युआईटी सचिव एवं इस घटना में शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर यदि पुलिस मुकदमा दर्ज कर तुरन्त गिरफ्तार नहीं करती है साथ ही युआईटी प्रशासन द्वारा शीघ्र ही मस्जिद के क्षतिग्रस्त हिस्से का दुबारा निर्माण नहीं कराती है तो हम विवशतः इस आन्दोलन को नियमित करते हुए अनिश्चितकालीन धरने की और जाऐंगें।

इस अवसर पर शहर भर के हजारों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर सरकार द्वारा की गई पक्षपातपूर्ण कार्यवाही को लेकर रोष प्रकट करते हुए निर्दोष व्यक्तियों पर से मुकदमा हटाने और क्षतिग्रस्त मस्जिद को सही कराने की मांग का समर्थन किया। आज के इस धरने पर प्रदेश महासचिव अशफाक हुसैन, जिला महासिचव नावेद अख्तर, जिला सचिव राजा वारसी ,मुजफ्फर राईन, जावेद अंसारी सहित सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजुद थे।

धरने के दौरान आई.जी. पुलिस विशाल बंसल को युआईटी सचिव पर कार्यवाही करने के लिए तथा तथा राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के नाम एडीएम सिटी सुनीता डागा को ज्ञापन सौंपे गए। ज्ञापन के प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद शफी, अशफाक हुसैन जफर चिश्ती, नावेद अख्तर, स्थानीय कांग्रेसी पार्षद मोहम्मद हुसैन (मोम्दा), संघर्ष समिति के सिद्दीक हुसैन, मौलाना समी साहब और अजहरूद्दीन एम.आर. तथा पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इण्डिया के जिलाध्यक्ष शोएब अहमद शामिल थे।

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