संगीत को मनोरंजन दृष्टि से न देखकर उपासना की तरह ग्रहण करें

bikaner samacharबीकानेर। संगीतज्ञ रफीक सागर ने बीकानेर के नत्थुसर गेट के बाहर उष्ट्रवाहिनी मंदिर के पास संगीत शिक्षा के लिए ‘सागर संगीतालय’ की शुरुआत की है जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि संगीतज्ञ डॉ मुरारी शर्मा ने किया। शर्मा ने कहा कि बीकानेर संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले राजा हसन ने बीकानेर संगीत का गौरव बढ़ाया है। बीकानेर में संगीत की शिक्षा की आवश्कता हमेशा रही है। संगीत मनोरंजन के साथ-साथ एक उपासना भी है। संगीत को मनोरंजन दृष्टि से न देखकर उपासना की तरह ग्रहण करें तो आने वाली पिढ़ी संस्कारित होगी।
रफीक सागर कहा कि मेरी एक तमन्ना है बीकानेर से एक अच्छा गायकार तैयार हो जिसको संगीत की पूरी शिक्षा मिले और वो इण्डियन आइडल स्व. संदीप आचार्य और सारेगामा फेम राजा हसन से भी ज्यादा बीकानेर का नाम रोशन करें। पुखराज शर्मा ने सागर को संगीतालय’ की शुभकामनाएं दी।
सारेगामा फेम व सागर संगीतालय के प्रवक्ता राजा हसन ने बताया कि इस संगीतालय में संगीत की शिक्षा के लिए कोई आयु सीमा नहीं है । यहां सेमी क्लासिकल, सुगम संगीत, भजन ; गजल व हॉरमोनियम की शिक्षा दी जाएगी। साथ ही तबला वादक नवल श्रीमाली ‘गुरूजी’ विद्यार्थियों को तबले की शिक्षा प्रदान करेगें। इस अवसर पर वी.सीरीज कम्पनी की ओर से विरेन्द्र आभाजी द्वारा रफीक सागर का नागरिक अभिन्नदन भी किया गया।
उद्घाटन में ममू महाराज, महावीर चारण (जिला उपाध्यक्ष भाजपा), महफूज अली, पूनम मोदी, किशन किराडू, जेठमल मारु, नरपत सिंह, विजय व्यास, मेघराज व्यास, राहुल व्यास, निसार अहमद, अवतन्श भार्गव, कैलाश भार्गव सहित बीकानेर शहर के कई संगीत प्रेमी शामिल हुवें।
— मोहन थानवी

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