पूर्व एस.डी.एम. रामानन्द शर्मा जिला सीकर को उसी पद पर तत्काल बहाल किया जाये

विधायक बनाम खनन माफिया प्रेम सिंह बाजोर के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया जाये।
नीम का थाना में नियम विरूद्ध खनन पट्टों को तत्काल रद्द किया जाये।

jaipur samachar( फ़िरोज़ खान )जयपुर 22 अगस्त ।आज़ादी की 70वें वर्षगांठ पर जिस अफसर को सरकार द्वारा प्रशस्ती पत्र देना चाहिए था। उसी अफसर को ए.पी.ओ. इस लिए कर दिया गया क्योकि उस अफसर ने विधायक प्रेम सिंह बाजौर व अन्य ताकतवर लोगों के कहे अनुसार गलत रिपोर्ट बनाने से मना कर दिया। यह अफसर का नाम रामानन्द शर्मा है और 15 अगस्त तक सीकर जिला मुख्यालय पर एस.डी.एम. पद पर कार्यरत थे व जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डी.ई.आई.ए.ए.) के सदस्य सचिव थे।

खनन विभाग द्वारा वर्ष 2005 में रैला गांव के दो बांधो के बीच की जमीन पर 18 पट्टे खनन हेतु जारी किये गये। इस खनन से बांधो और आबादी पर विपरित असर पड़ने के कारण रैला और आसपास के तीन गांवों के कई सौ ग्रामीण इस खनन का 2006 से विरोध कर रहे हैं। विरोध के बावजूद राजनैतिक प्रशासनिक दबाव के तहत अवैध खनन अनवरत चालू है।

यह खनन बिना पर्यावरण स्वीकृति के चल रही है। स्वीकृति की अनिवर्यता के चलते यह खनन अवैध है। इस अवैध खनन को वैध करने का प्रयास हो रहा है।

हाल ही में एक्स.ई.एन. की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरिय विशेषज्ञ आंकन समिति (डी.ई.ए.सी.) ने रैला बांध के बीच खनन कार्य के आंकलन मे पाया कि वह खदाने बहाव/भराव क्षेत्र में आ रही है इस लिए खनन व विस्फोटक कार्य तत्काल बन्द करने की सिफारिश की। यह रपट जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डी.ई.आई.ए.ए.) जिसके अध्यक्ष कलेक्टर है के समक्ष रखी गई, जहां तय हुआ कि एस.डी.एम. रामानन्द शर्मा (सदस्य सचिव) के नेतृत्व में बांधों का मुआयना किया जाये। क्योकि एस.डी.एम. की भी राय वहीं बन रही थी कि खनन कार्य बन्द होना चाहिए । इसलिए उनकी शिकायत राजनेताओं द्वारा दौरे पर गई मंत्रीमण्डल उपसमीति के सामने किया गया व सीकर के उपखण्ड अधिकारी श्री रामानन्द शर्मा 15 अगस्त को ए.पी.ओ. कर दिया गया।

ए.पी.ओ. किये जाने के बाद श्री रामानन्द शर्मा ने नेताओं की नाराजगी का कारण रैला बांध क्षेत्र में स्थित 18 खनन पट्टों पर एन.ओ.सी. के लिए गलत तरीके से दबाव बनाने की बात सार्वजनिक रूप से कहीं जो सभी स्थानीय समाचार पत्रों 17 अगस्त से निरन्तर रूप प्रमुखता से प्रकाशित हो रही है।

स्पष्ट है कि इस ए.पी.ओ. प्रकरण से अवैध खनन कारोबार मे नेताओं, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत उजागर होती है। मुुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार की खनन को लेकर बदनियती व भ्रष्टाचार एक बार फिर स्थापित होता है।

दबाव बनाने वालो में प्रेम सिंह बाजोर, पूर्व केन्द्रिय मंत्री महादेव सिंह खण्डेला एवं पुलिस के अधिकारियो की नियम विरूद्ध खदानो के लिए दबाव की खबरे प्रमुखता से छपीं है। विधायक चाहते थे की एस.डी.एम. यह लिख दे की खनन से बांधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

पी.यू.सी.एल. 2012 में भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्योरो के पुलिस महानिदेशक श्री अजीत सिंह से इस सम्बन्ध मे कार्यवाही के लिए मिला था। पुलिस थाना पाटन में 2006 में ग्रामीणो को खनन का विरोध करने पर गिरफ्तार भी किया गया था। रैसा खनन क्षेत्र में ट्रक पर अवैध विस्फोटक लदे होने का मुकदमा भी पाटन पुलिस थाने में 2011 में केस दर्ज है।

इसी संदर्भ में भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरों में दो पूर्व जिला कलक्टर धर्मेन्द्र भटनागर व जी.आर. गुप्ता इस आवंटन में की संदिग्द्ध भूमिका पर जांच विचाराधीन है।

नीम का थाना में लगातार ट्रको में अवैध विस्फोटक लदे होने के मसले, जनता ने उजागर किये है रेला बांध के बाहर भी इस तरह के ट्रक पकडे गये और 2011 में पाटन पुलिस थाने में रपट दर्ज करवाई गई। बडी तादात में गैर कानूनी ढंग से विस्फोटक सामग्री नीम का थाना क्षेत्र में पाई गई थी जिसकोे लेकर एक याचिका राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर बैंच में विचाराधीन है। नीम का थाना क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर अधिकांश खनन पट्टे राजनेताओं, पुलिस, प्रशासनिक को लेकर लोग गांव गांव में के विरोध कर रहे है।

समाचार पत्रों में अकेले पाटन क्षेत्र से ही प्रतिदिन 15 करोड़ के अवैध खनन कारोबार में नेताओं, पुलिस, प्रशासनिक बन्दर बांट का खुलासा किया है।

हम मांग करते है कि :-

अवैध खनन तुरन्त प्रभाव से बन्द हो।
गलत रूप से ए.पी.ओ. किये गये अधिकारी श्री रामानन्द शर्मा को उसी पोस्ट पर बहाल किया जाये।
विधायक प्रेम सिंह बाजौर व माधव सिंह खण्डेला के खिलाफ राजकार्य में बाधा का केस दर्ज किया जाये।
रैला के दो बांधो के बीच में हो रहे खनन के पर्यावर्णन और सामाजिक प्रभावों की विशेषज्ञो का द्वारा जांच करवाई जाये।
कांसावती नदी, डाबला नदी व नीम का थाना इलाके के नदी, नालों, बांधो, चारागाहो आबादी के करीब में नियम विरूद्ध किये खनन पट्टो को तुरन्त रद्द किया जाये एवं खनन विभाग सीकर सन 2005 द्वारा के बाद आंवटित सभी खनन पट्टों की जांच निष्पक्ष हो।
राजस्थान में हो रहे अवैध खनन और उसमें राजनैतिक व्यक्तियों खनन माफिओ और पुलिस व गुण्डों की साठ गांठ लोकायुक्त जांच बिठाये।

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