डिजिटल जुड़ाव, सामग्री, प्लेटफार्म और समाधान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन। समाज कल्याण एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सहित विभिन्न सिविल सोसाइटी ने लिया भाग।
(फ़िरोज़ खान जयपुर 16 सितम्बर । जयपुर विकास अध्ययन संस्थान में सरकारी योजनाओं की जानकारी और अधिकार की सुलभता की मजबूती डिजिटल जुड़ाव, सामग्री, प्लेटफार्म और समाधान विषय पर एक दिवसीय विमर्श का आयोजन डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन ने किया गया। इस विमर्श में विभिन्न सरकारी विभागों के पदाधिकारी, सिविल सोसाइटी के सदस्य और ग्राउंड स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम का उदेश्य नागरिकों तक योजनाओं की जानकारी की सुलभता और उनके अधिकारों के लिए आइसीटी यानी सूचना संचार तकनीक का उपयोग करना था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सूचना एवं रोजगार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि प्रशासन और तंत्र में को पारदर्शी बनाने के लिए सूचना प्रबंधन तंत्र (एमआइएस) की सभी सूचनाएं सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ नागरिकों के लिए भी खुला होना चाहिए।
विमर्श के दरम्यान नागरीकों तक तकनीक और डिजिटल साधनों की पहुंच को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन के संस्थापक-निदेशक ओसामा मंजर ने ओपन डाटा की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा कि कंम्प्युटर की सभी सूचनाओं को अनपढ़, कम्प्युटर से वंचित या कंम्प्युटर नहीं चला पाने वाले हर कोई पा सके।
कार्यशाला में लोगो ने विचार रखा कि ई-मित्र और अटल सेवा केन्द्र के सभी काउंटर पर सरकार द्वारा तय सेवा-शुल्क से अधिक न लिया जाए एवं सेवा-शुल्क की लिस्ट सभी सेंटर पर जरूरी तौर पर लगाएं जाएं।
कार्यशाला में शामिल सोशल जस्टिस और अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारी एचआर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजना के स्वीकृति या अस्वीकृति की अद्यतन स्थिति की जानकारी वेबसाइट पर आवेदन नंबर डाल कर प्राप्त की जा सकती है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होने कहा कि तीन महीने तक पेंशन नहीं लेने की स्थिति में पेंशन की राशि रोक दी जाती है। अगर किसी पात्र की पेंशन राशि किसी कारणवश रोक दी गई हो तो वह संबंधित स्विकृत अधिकारी के पास आवेदन करके दोबारा अपने पेंशन की राशि चालू करवा सकता है। अब पेंशन मिलने पर मोबाइल नंबर पर संबंधित व्यक्ति को मैसेज भी मिलता है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, आइटी श्री महेश कुमार गुप्ता ने पीडिएस में आने वाले दिक्कतों के बारे में जिक्र किया एवं उनके समाधान बताए। उन्होंने कहा कि पहचान के लिए अनामिका या कनिष्ठ अंगुली का प्रयोग करें। राज्य में अबतक 96 फीसदी यानि 24, 870 पीडिएस पाज(PoS) से जुड़ चुके हैं जिससे वास्तविक समय पर लाभार्थियों की सूची देखी जा सकती है। लाभार्थि अपने डिटेल्स वेबसाइट पर देख सकते हैं एवं शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। राज्य में अबतक 1.97 करोड़ लाभार्थियों के डिजिटल राशन कार्ड बन चुके हैं।
कार्यशाला में शामिल एमडी माथूर, उपसंचालक आईटी श्रम विभाग ने कहा कि श्रम विभाग के कार्यप्रणाली को आइसीटी के इस्तेमाल से सरल बनाया गया है। वेबसाइट के माध्यम से निरिक्षण अन्य प्रकिया को पूरी कर सकता है।
डा. एनपी जैन, नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस योजना के तहत तक लाभार्थी को तीन लाख तक चिकित्सकीय खर्च मिलता है। टोल फ्री नंबर 1800-180-6127 पर इससे जुड़ी जानकारी पाई जा सकती है।www.bloodbank.dcservices साइट पर रक्त की उपलब्धता के अद्यतन स्थिति को जाना जा सकता है। इसके साथ ही एक अन्य वेबसाइट की जानकारी देते हुए कहा कि इस साइट पर सोनोग्राफी सेंटर की पूरी जानकारी है साथ ही लिंग जांच के लिए दवाब बनाने पर आधे घंटे के अंदर पुलिस को बुलाने की व्यवस्था भी आइसीटी तकनीक से की गई है।
शिक्षा विभाग के द्वारा आइसीटी के क्षेत्र में हुए काम का जिक्र करते हुए स्कूली शिक्षा विभाग के एमआइएस इंचार्ज श्री संजय कुमार शर्मा ने कहा कि शाला दर्पण वेबसाइट पर सभी प्राथमिक, उच्चशिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग के स्कूल, शिक्षक और छात्र के प्रोफाइल को अपडेट किया गया गया है जिसे कोई भी वेबसाइट पर देख सकता है। वहीं इ-ज्ञान पोर्टल पर छात्रों के लिए हिन्दी में सामग्री उपलब्ध करवाई गई है।
आइटी डिपार्टमेंट के ओसीडी जय सिंह ने कहा कि 20-30 सितम्बर के बीच राज्य के सभी प्रखंड में भामाशाह समस्या शिविर लगेगा। यहां किसी भी प्रकार के असुविधा को दर्ज करवाया जा सकता है। उन्होंने डिइएफ के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि आइटी के इस्तेमाल में अंतिम व्यक्ति को हो रही समस्या से अवगत होना जरूरी है। इससे तकनीक को उपभोक्ता तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने सम्पर्क पोर्टल का जिक्र करते हुए कहा कि यहां सभी विभागों से जुड़ी समस्या को दर्ज की जा सकती है एवं उसपर हो रही सुनवाई को ट्रैक की जा सकती है।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन क्वालकॉम के अर्निवान ने दिया। कार्यशाला में टाटा समाज विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर, डिइएफ के कर्मचारी व अन्य शामिल रहे ।