मेले सांस्कृतिक एकता के प्रतीक- मेघवाल

untitledaqua-craze_20161005_142543भीलवाडा, 5 अक्टूबर। विधानसभा अध्यक्ष श्री कैलाश मेघवाल ने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक एकता के प्रतीक है। मेलों में विभिन्न जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग एकत्रित होते हैं जिससे साम्प्रदायिक सोहार्द कायम रहता है तथा समाजों में एकता नजर आती है।
विधानसभा अध्यक्ष बुधवार दोपहर रायला में ग्राम पंचायत रायला द्वारा आयोजित चैथ मातेश्वरी पशु मेले के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रायला का चैथ मातेश्वरी मेला बहुत विख्यात मेला है। वर्षो से आयोजित हो रहा यह मेला पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए विशेषरुप से जाना जाता है। मेला महिलाओं के भी आकर्षण का केन्द्र हैं जहां पर हस्तशिल्प व घरेलू उपयोग के सामान भी वाजिब दाम पर उपलब्ध हो जाते हैं। पशु व्यापारियों के साथ साथ अन्य व्यापारियों तथा ग्रामीणजनों के लिये मेला बहुत ही उपयोगी है।
बुधवार प्रातः मेले में नेजा निकाला गया। 20 फीट लम्बर झण्डा चैथ माताजी के स्थान पर लाकर चढाया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीणजनों के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। क्षेत्रा की किसी भी समस्या के लिये मुझसे सीधा टेलीफोन पर संपर्क किया जा सकता है। बिना भेदभाव सभी की बात को सुनकर समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।
जिला प्रमुख रामचन्द्र सेन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया तथा मेले को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केन्द्र बताया। कार्यक्रम में शाहपुरा के उपप्रधान बजरंग सिंह राणावत, जिला परिषद सदस्य गणिया भील, प्रशान्त मेवाडा, रायला के सरपंच शिवदयाल छीपा, ग्राम पंचायत के वार्डपंच तथा बडी संख्या में ग्रामीण महिलाएं उपस्थित थे।

आज़ाद नेब
ब्यूरो चीफ़ भीलवाड़ा

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