कृषि क्षेत्र में रोजगार के विपुल अवसर-केन्द्रीय राज्यमंत्री

c-r-choudhary-1बीकानेर 7 अक्टूबर। केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सी.आर. चौधरी ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में रोजगार के विपुल अवसर मौजूद हैं। कृषि के विद्यार्थियों को ज्ञान अर्जन के साथ-साथ प्रायोगिक कार्यों को भी पूरी शिद्दत के साथ करने की जरूरत है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के ऑडिटॉरियम में आखिल भारतीय कृषि छात्र संघ की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। “कृषि विद्यार्थियों के लिए कृषि व्यवसायिक अवसर“ के विषय पर आयोजित कान्फ्रेन्स में कृषि विश्वविद्यालयों के छात्र, शिक्षक और प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया। श्री चौधरी ने कहा कि कृषि में व्यावसायिक अवसर एक सामयिक विषय है। मानसून आधारित खेती को लाभदायक खेती में बदलने के लिए पुरातन तौर-तरीकों के साथ ही नवीन कृषि तकनीकों को अपनाना जरूरी है। आज देश में प्रति एकड़ खेती में उत्पादन को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। कृषि वैज्ञानिकों की बदौलत देश में ग्रीन, व्हाइट और ब्ल्यू रिवोल्यूशन आई है। सरकार का उद्देश्य है कि हर हाथ को हुनर और हर खेत को पानी मिले। सरकार ने स्मार्ट अप, स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रम लागू किए हैं। महानरेगा योजना के कार्यों में 60 प्रतिशत राशि फॉर्म एक्टिविटिज पर व्यय की जा रही है। युवकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को तेजी से लागू किया जा रहा है। युवाओं को स्वयं और देश को आगे बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का लाभ उठाना चाहिए। कृषि शिक्षा से जुडे़ युवाओं के लिए रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि युवाओं को अपने उत्कृष्ट ज्ञान और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ही मूल्य संव़द्र्धन की व्यावसायिक गतिविधियों को अपनाने की जरूरत है। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छींपा ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे कौशल विकास कर “जॉब सीकर के बजाये जॉब प्रोवाईडर” बनें। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि विकास कार्यों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कृषि के साथ उद्योग धंधों के नए क्षेत्र खुलते हैं। पश्चिमी राजस्थान में खेतिहर उत्पादन की विपुल संभावनाएं हैं। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के पूर्व कुलपति प्रो. ओ.पी. गिल ने कृषि को समृद्ध बनाने के लिए नई तकनीक को खेतों तक पहुँचाने का आह्वान किया।

कृषि छात्र संघ के मुख्य नीति सलाहकार डॉ. सहदेव सिंह ने नेशनल एग्रीकल्चर सेवाओं के गठन की आवश्यकता जताई। संघ के अध्यक्ष राजवीर सिंह चौधरी ने संघ के उद्देश्यों और कार्यों की जानकारी दी। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने प्रो. ओ.पी. गिल को लाईफ टाईम एचीवमेन्ट अवार्ड, प्रो. बी.आर. छींपा को इंस्टीट्यूशनल अवार्ड तथा बलराम जाखड़ मेमोरियल का कृषि ज्योति अवार्ड राजुवास के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत को प्रदान किया। उन्होंने कृषि में उत्कृष्ट कार्यों के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया। प्रो. गहलोत का पुरस्कार कॉलेज अधिष्ठाता प्रो. जी.एस. मनोहर और प्रो. सुभाष गोस्वामी ने प्राप्त किया।

वक्त्ताओं ने केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को बीकानेर में खोलने की मांग रखी। मुख्य अतिथि ने जैविक दूध अंडों से बने उत्पाद के फोल्डर का विमोचन भी किया। समारोह में कृषि उपज मंड़ी समिति के अध्यक्ष सहीराम दुसाद पूर्व उप जिला प्रमुख प्रेमसुख सहारण भी मौजूद थे।

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