मनरेगा में काम बंद, लोग पलायन कर गए

img-20161110-wa0259फ़िरोज़ खान, बारां (राजस्थान)
बारां 12 नवम्बर । बारां जिले के शाहाबाद ब्लॉक के कस्बानोनेरा ,मड़ी सहजना,गुवाड़ी,महुआखेड़ी,मानपुर,कमल खेड़ा, खुश यारा इंद्रा कालोनी, पहाड़ी जागीर, चन्दन हेड़ा, हाटरी खेड़ा, पुराना फरीदुआ, मड़ी सामर सिंगा, धुँआ, मोहनपुर, नाटाई, महुरेखेड़ा, अमरपुरा लेदरा बसेली, मझारी सहरना, पेनवादा, बलादा, देवरी वीरान, मटिया खारा, धनसुरी, नागौरी, सहित आदि गाँवो में आदिवासी परिवारों को मनरेगा में काम नही मिलने के कारण लोग पलायन कर गये है । सूरज सहरिया सहित आदि लोगो ने बताया कि रघुवीर सहरिया का पुरा परिवार रोजगार नही मिलने से पलायन कर गया । इन्होंने बताया कि गांव के प्रत्येक घर में एक एक दो दो व्यक्ति बचे है, जो भी वह लोग है जिनसे काम नही होता और बुजर्ग है । इस बस्ती में करीब 35 परिवार निवास करते है । वहीँ प्रताप पुत्र कारू सहरिया, रामवती पत्नी प्रताप, बारेलाल पुत्र हल्का, मुन्नी पत्नी बारेलाल, राजू पुत्र बारेलाल ने जनवरी व् फ़रवरी में सेमरवाली तलाई पर खुदाई का कार्य किया था, इनका 4-4 मस्टररोल का एक वर्ष बाद भी भुगतान बकाया चल रहा है । जब इनसे मनरेगा में काम करने व् आवेदन करने के बारे में पूछा तो बताया कि समय पर भुगतान नही होने के कारण इससे तो अच्छा है कि अन्य मजदूरी कर परिवार का लालन पोषण कर ले । इन लोगो ने बताया कि अगर मनरेगा का काम चल रहा होता तो यहाँ के लोग बहार काम करने ही क्यों जाते । इसी तरह सनवाड़ा पंचायत के पठारी गांव से धरमु पुत्र ऊँकार, रमेश पुत्र चंदन, अवदेश पुत्र रंगी, अतर सिंह पुत्र शिवचरण, रामसेवक पुत्र बाबुरा, आदि लोग मजदूरी के आभाव में पलायन कर गये है । इसी तरह के हालात अन्य गाँवो में भी देखने को मिल रहे है । घरों पर ताले लटक रहे है । वही सांधरी में भी मनरेगा कार्य जून से बंद है । कलीराम सहरिया ने बताया कि लोग रोजगार के आभाव में खाली बैठे है । इन्होंने बताया कि मनरेगा का कार्य अगर चालू होता है तो काम करने को तैयार है । खुशयारा पंचायत के गांव पहाड़ी की जानकी पत्नी किरण ने नवम्बर 2015 में रोड़ के पास तलाई में काम किया था । जिसका 5 मस्टरोल का भुगतान अभी तक नही हुआ है । इसी तरह विद्या पत्नी परसादी के 7 मस्टरोल, का भुगतान भी अभी तक नहीँ हुआ है । वहीँ 10 लोगो ने वन विभाग में ट्रेंच खुदाई का कार्य किया जिनका भी भुगतान नही मिला है । रजना, सूरज, पदम् ने 10-10 दिन, रामरतन, सिद्दू ने 15 दिन, रामकिशोर, बुदि ने 9 दिन, उदयराज, ने 9 दिन, रामदयाल ने 6 दिन, कृष्णा ने 7 दिन ट्रेंच खुदाई का कार्य किया था । जिनको 2-3 माह हो गया मगर इनका भी अभी तक भुगतान नही मिला है । ग्राम पंचायत खांडा सहरोल के गांव देवरी उपरेटी के 23 मनरेगा श्रमिको ने वन विभाग में ट्रेंच खुदाई का कार्य जून माह में किया था । इन मजदूरों को अभी तक भी भुगतान नही किया गया है । कमली, राजेश, डिम्पल, सीमा, राकेश, लल्ली, जमना, गंगा, रमेश, प्रियंका, दिनेश, शंकर, वाली, महेश, दुर्गा, दीपक, विमला, सुनीता ने मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन के तहत कार्य किया था । उसका भुगतान वन विभाग द्वारा नही किया गया । श्रमिको ने बताया कि जब भी भुगतान की बात करते हे तो बोला जाता है, की अभी आपका पैसा नही आया है । इसी तरह कस्बानोंनेरा के 80 श्रमिकों ने वन विभाग द्वारा क्लोजर संधारण में जून 2016 में काम किया था । उसका भुगतान अभी तक इन श्रमिको नही मिला है । एक तरफ राज्य सरकार मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन को बढ़ावा देने में लगी है । वहीँ दूसरी और शाहाबाद ब्लॉक में अभी तक सैकड़ो को मजदूरों को भुगतान ही नही मिला है । ऐसे मजदूरों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है । वहीँ क्षेत्र में मनरेगा कार्य नही चलने से लोग पलायन कर गए । वहीँ वन विभाग के डीएफओ राजीव कपूर ने बताया कि में इस मामले की जाँच करवाकर जल्दी ही भुगतान करवा दिया जावेगा ।

” उपखण्ड क्षेत्र में जिन श्रमिकों का भुगतान रुका हुआ है, उनकी जानकारी करवाकर उच्च अधिकारियों से बात कर जल्दी ही भुगतान करवा दिया जायेगा । साथ ही मनरेगा कार्य डिमांड आने पर शुरू कर दिया जायेगा । ”
उपखण्ड अधिकारी उदयभान सिंह चारण शाहाबाद ।

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