लोगों को मीठे पानी का इंतजार

l_water-filter-plant-1479397195गोपालसिंह
अजमेरनामा पोकरण जिम्मेदारों की लापरवाही से जिले के कई गांवों में लगे आरओ प्लांट बंद पड़े है। यही कारण है कि सरकार की लाखों रुपए की धनराशि बेकार साबित हो रही है तथा ग्रामीणों का इस प्लांट का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार की ओर से तीन वर्ष पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइडयुक्त पानी से निजात दिलाने तथा उन्हें स्वच्छ व मीठा पानी कम दरों पर उपलब्ध करवाने के लिए आरओ प्लांट स्थापित करने की योजना शुरू की गई थी। जिसके अंतर्गत क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुख्यालयों व बड़े गांवों में आरओ प्लांट लगाए गए थे। जिसमें उन्हें 10 पैसे प्रतिलीटर पानी मीठा व स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाना था।

डिडाणिया में बंद पड़ा है आरओ प्लांट

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मीठा व फ्लोराइडमुक्त पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से क्षेत्र के डिडाणिया ग्राम पंचायत मुख्यालय पर निर्माण करवाया गया आरओ प्लांट गत एक वर्ष से बंद होने के कारण सरकारी धनराशि खर्च होने के बावजूद लोगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार दो वर्ष पूर्व जलदाय विभाग की ओर से क्षेत्र के कई गांवों में आर ओ प्लांट का निर्माण करवाकर यहां 10 पैसे प्रति लीटर तथा मात्र दो रुपए में 20 लीटर मिनरल वाटर उपलब्ध करवाने के लिए आरओ प्लांट लगाए गए थे। इनमें से कई आरओ प्लांट चल रहे है, तो कुछ आरओ प्लांट खराब हो जाने के बाद बंद हो गए। जबकि कई गांवों में आरओ प्लांट लगाने का कार्य अभी भी चल रहा है। क्षेत्र के डिडाणिया ग्राम पंचायत क्षेत्र के लोगों को मीठा व फ्लोराइडमुक्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए डिडाणिया गांव में एक वर्ष पूर्व आरओ प्लांट लगाया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में यह प्लांट खराब होकर बंद हो गया। जिसके चलते ग्रामीणों को मीठा पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसके अलावा ग्राम पंचायत क्षेत्र के केरावा गांव में भी आरओ प्लांट गत कई महिनों से बंद पड़ा है। दूसरी तरफ सरकार की ओर से खर्च की गई धनराशि का भी कोई उपयोग नहीं हो रहा है।

नहीं हो रही देखरेख

डिडाणिया गांव में लगे आरओ प्लांट की जलदाय विभाग की ओर से देखरेख भी नहीं हो रही है। जिसके चलते यह प्लांट बिखर रहा है। प्लांट के चारों तरफ निर्माण करवाई गई चारदीवारी क्षतिग्रस्त होने लगी है। यहां मुख्य द्वार टूट चुका है। जिसके चलते यहां आवारा पशु घुस रहे है तथा प्लांट परिसर में बबूल की झाडिय़ां लग गई है। ऐसे में प्लांट परिसर में घुस पाना ही मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके जलदाय विभाग की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

फलसूण्ड एक तरफ सरकार की ओर से गांवों में मीठा व शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च कर आरओ प्लांट लगाए गए है। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में ये आरओ प्लांट गत लम्बे समय से बंद होने के कारण ग्रामीणों को इनका कोई लाभ नहीं मिल रहा है तथा सरकार की लाखों रुपए की धनराशि का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लोराइड की अधिक मात्रा को देखते हुए आरओ प्लांट लगाए गए थे। यहां से ग्रामीणों को 10 पैसे प्रतिलीटर शुद्ध व मीठा पानी उपलब्ध करवाने की योजना थी, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही व जलदाय विभागाधिकारियों की अनदेखी के चलते कई जगहों पर आरओ प्लांट बंद पड़े है। क्षेत्र में फलसूण्ड, लोंगासर, दांतल, स्वामीजी की ढाणी, फूलासर आदि गांवों में लगे आरओ प्लांट बंद होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा देखरेख के अभाव में यहां बबूल की झाडिय़ां लग गई। बावजूद इसके जलदाय विभागाधिकारियों की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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