छात्र जीवन से राजनीति शुरू करने वाले कृपलानी बने केबिनेट मंत्री

shreechand-kriplaniनिम्बाहेड़ा, 10 दिसम्बर, वर्ष 1977 में राजकीय महाविद्यालय चित्तौड़गढ के छात्रसंघ अध्यक्ष बनने एवं विद्यार्थी परिषद के जिलाध्यक्ष के साथ राजनीति शुरू कर केबिनेट मंत्री पद पर काबिज हुए श्रीचंद कृपलानी का जन्म 19 जुलाई 1958 को सिंधी कॉलोनी निवासी समाज सेवी स्व. चेटूमल पार्वती कृपलानी के यहां हुआ। उन्होनें चित्तौड़गढ महाविद्यालय से 1977 में बी.ए. की डिग्री हासिल की। कृपलानी का विवाह 4 मई 1984 को अजमेर की कमल के साथ हुआ।

कृपलानी को समाज सेवा का पाठ विरासत में मिला, यही वजह है कि वे पिछले 10 वर्षो से राजनीति के साथ-साथ श्री सेवा संस्थान के माध्यम से उप जिला अस्पताल में मरीजों के लिए निरूशुल्क भोजन प्रकल्प के साथ मोतियाबिंद मुक्त पायलेट प्रोजेक्ट के माध्यम व वृद्धावस्था आश्रम की स्थापना के साथ विभिन्न रूपों में मानव सेवा में जुटे हुए है।

कृपलानी 1990, 1998 व 2013 में निम्बाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक के पद पर निर्वाचित हुए, वहीं 1998 से 2003 व 2003 से 2008 तक चित्तौड़गढ लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया एवं अपनी प्रतिभा को लोकसभा के माध्यम से सामने लाने में कामयाब हुए। इससे पूर्व उन्होनें वर्ष 1995 में जिला प्रमुख के पद को सुशोभित किया। कार्यशैली से कृपलानी पुरे जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मेवाड़ में विकास पुरूष के नाम से विख्यात हुए।

कृपलानी 1992 में नगरपालिका निम्बाहेड़ा के पार्षद निर्वाचित हुए और यही से उनका वास्तविक राजनैतिक जीवन प्रारंभ हुआ। देश के पूर्व उपराष्ट्रपति व राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे भेरोसिंह शेखावत 1985 में निम्बाहेड़ा से विधानसभा का चुनाव लड़े, तब कृपलानी ने भी स्थानीय नेताओं के साथ प्रचार की कमान संभाली थी, शेखावत के विधायक चुनने से कृपलानी को राजनीति के साथ सेवा भावना के गुर सिखने का सुनहरा मौका मिला। कृपलानी देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व स्व. शेखावत को जहां अपना राजनैतिक आदर्श मानते है, वहीं राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रेरक एवं मार्गदर्शक के रूप में आदर देते है।

कृपलानी ने भारतीय जनता पार्टी के संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए रात दिन पार्टी को आमजनों से जोड़ने के लिए सतत् प्रयास किए। कृपलानी विभिन्न वर्षो में भाजयुमो चित्तौड़गढ जिलाध्यक्ष, राजस्थान भाजयुमो के प्रदेश कार्य समिति सदस्य, प्रदेश मंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व महामंत्री के साथ चित्तौड़गढ जिला भाजपा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री के पदों पर रहकर अपने दायित्व का कुशलता पूर्वक निर्वाहन कर पार्टी में छाप छोड़ी। वे भ्रष्टाचार तथ्य संकलन समिति भाजपा राजस्थान के संयोजक, अनुशासन समिति के सदस्य भी रहे। वर्तमान में राजस्थान विधानसभा विशेषाधिकार समिति के सभापति के पद पर भी काबिज है।

सांसद के रूप में संचार संबंधि समिति के सदस्य व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री, ग्रामीण विकास संबंधि व पर्यटन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे। वहीं राजस्थान भाजपा संसदीय दल के सचेतक के पद का भी दायित्व संभाला। राजस्थान में विधानसभा के सदस्य रहते नियमन समिति, सभापति गृह समिति, सभापति पेनल, राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री समिति में भी अपने दायित्वों का निर्वाहन किया। कृपलानी राजस्थान स्वास्थ विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर के प्रबंधन मंडल के सदस्य होने के साथ राष्ट्रीय सिंधी समाज के संरक्षक भी है।

कृपलानी ने अपने राजनैतिक जीवन के दौरान जिले एवं प्रदेश स्तरीय कई आंदोलनों में प्रमुख भूमिका का निर्वाहन करते हुए व नई दिल्ली में राष्ट्रीय चेतना रैली के दौरान जेल यात्राएं कर चुके है। उन्होने पिछले 26 वर्ष की राजनीति के दौरान अफीम किसानों के हितों को लेकर लगातार आवाज उठाते हुए किसानों को राहत दिलाई। कृपलानी ने राष्ट्रीय भावनाओं को पहली प्राथमिकता देते हुए वर्ष 1999 में कारगील युद्ध में भारत की विजय की कामना को लेकर एवं मानव कल्याण के लिए कई पदयात्राएं कर चुके है। साधु संतो के सानिध्य में सदैव बने रहते है। कृपलानी ने अमेरीका में आयोजित युएनओ बैठक में देश की और से प्रतिनिधित्व किया व अफीम खेती की नई तकनीक के परीक्षण के लिए आस्ट्रेलिया यात्रा की, साथ ही थाईलेण्ड, दुबई, सिंगापुर, न्यूजिलेण्ड, इंग्लेण्ड, कनाडा आदि कई देशों का भ्रमण भी किया।

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