जारी है कूची और केनवाश की कलास…

पेन्टर प्रधान सीखा रहे है बच्चो को फ़ाईन आर्ट

img-20161210-wa0173बाड़मेर
जनता के विकास के आयाम और सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति के साथ साथ प्रधान द्वारा बच्चो को चित्रकला का ज्ञान देने की अनूठी पाठशाला इन दिनों सिवाना में देखने को मिल रही है। सिवाना प्रधान गरिमा राजपुरोहित ने सिवाना के स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल में तीन दिवशीय फ़ाईन आर्ट प्रक्षिशन की शुरुवात की जिसमे विद्यालय के सौ से अधिक बच्चे कूची और केनवाश की क्लास ले रहे है। बच्चो को इस अनूठी पाठ शाला में रंगों के सामंजस्य के साथ साथ चित्रकला की बारीकियों को भी सिखाया जा रहा है। इस प्रक्षिशन की संदर्भ व्यक्ति के तौर पर बच्चो के बीच मौजूद सिवाना प्रधान गरिमा राजपुरोहित बताती है कि फाइन आर्ट एक बेहतरीन करियर फील्ड है। इसमें सफलता के लिए क्रिएटिव माइंड के साथ परिश्रमी होना भी जरूरी है। देश में कला को सदैव सर्वोपरि रखा गया है। कलाओं ने ही तो देश को एक नई पहचान दी है। आईटी एवं कम्प्यूटर का प्रयोग दिन-प्रतिदिन अनिवार्य होता जा रहा है। इसी के साथ हाथ की कारीगरी भी धीरे-धीरे तकनीकी रूप अख्तियार करती जा रही है। तकनीकी दखल के बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जो लगातार अपनी परंपरा एवं पहचान बनाए हुए हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख क्षेत्र है फाइन आर्ट। आमतौर पर लोगों का मानना है कि ललित कला की उपयोगिता धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि आज भी यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। अच्छी पेंटिंग्स लाखों-करोड़ों में बिक रही हैं तथा कलाकारों को उसका पूरा फायदा भी मिल रहा है।ऐसे में बच्चो को इस तरह की तालीम देना उनके आने वाले कल के लिए बेहद लाभदायक है। इस प्रक्षिशन में विद्यालय का स्टाफ भी मेहनत से बच्चो के इस आयोजन को सफल बनाने में लगा है। इस प्रक्षिशन के बाद चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।

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