बीकानेर/ 17 जनवरी/ कहानीकार-व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा का उनकी दीर्घकालीन राजकीय सेवाओं और साहित्यिक अवदान हेतु उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार, सहायक वन संरक्षक मदन सिंह चारण, क्षेत्रीय वन अधिकारी मनरूप सिंह एवं कार्यालय अधीक्षक कुलदीप बारूपाल द्वारा शॉफा, साफा, श्रीफल और उपहार अर्पित कर सम्मान एवं अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि बुलाकी शर्मा बेहद मिलनसार और कर्मठता के साथ सभी कार्यों में समन्वय का समभाव रखने वाले विरल व्यक्तित्व के धनी हैं। अपनी सुदीर्घ सेवाओं के अंतिम चरण में वन विभाग में कार्य करते हुए जन भावनाओं और आकांक्षाओं को समर्पित आपने अनेक कीर्तिमान अर्जित किए हैं।
सहायक वन संरक्षक मदन सिंह चारण ने कहा कि व्यक्ति की योग्यता की महक कभी छिपाए नहीं छिपती और बुलाकी शर्मा अपने कर्म क्षेत्र में जहां कहीं रहे वे वहां के होकर रहे साथ ही आपने अपने संबंधों को आत्मीय भाव से निभाते हुए नियमों की सदा पालना करने का धेय रखा।
क्षेत्रीय वन अधिकारी मनरूप सिंह ने बुलाकी शर्मा के साहित्यिक अवदान को विभाग के लिए गौरवशाली बताया तो कार्यालय अधीक्षक कुलदीप बारूपाल ने कहा कि अपने कार्यों के साथ समाज के लिए कुछ करना और सतत साहित्य सृजन से संलग्न रहना बुलाकी शर्मा की खूबी रही है।
इस अवसर पर मुक्ति के सचिव कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने विभाग को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि बुलाकी शर्मा जैसे कर्मठ और निष्ठावान लेखा क्षेत्र के व्यक्ति को कार्य को ही पूजा मान कर चलने वाले अद्वितीय रचनाकार भी रहे हैं। जोधपुर से अपरंच के संपादक कवि-कहानीकार गौतम अरोड़ा ने कहा कि राजस्थानी और हिंदी साहित्य में बुलाकी शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं है, वे सतत और निरंतर रचनाकर्म द्वारा एक मिसाल बन कर युवाओं को प्रेरणा देने वाले वरिष्ठ साहित्यकार माने जाते हैं।
इस अवसर पर बुलाकी शर्मा ने अपने उद्गार प्रगट करते हुए विभाग का आभार जताते हुए अपनी दीर्घकालीन सेवा के अनेक प्रसंगों को साझा किया। शर्मा ने कहा कि राजकीय कार्य के दायित्व का निर्वाहन करते हुए साहित्य सृजन हेतु पूर्ण समय नहीं दे पाते थे अब वे पूर्णरूपेण लेखन और समाज को समर्पित होंगे।
बुलाकी शर्मा की राजकीय सेवानिवृति एवं सम्मान के इस कार्यक्रम में कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया, कवि-कहानीकार नवनीत पाण्डे, कवि गौरीशंकर निमिवाल, रूपकिशोर, बजरंग, देवकृष्ण शर्मा, जसवंत बसीर, विष्णु श्रीमाली, प्रह्लाद व्यास, राजेन्द्र शर्मा, श्यामदीन भुट्टो, पवन शर्मा, मिराजुद्दीन, हनुमान सिंह , किशनदान चारण आदि अनेक प्रबुद्ध और पारिवारिक जन उपस्थित रहे।
(राजेन्द्र जोशी)