650 साल पुराने शमसान की भूमि पर की अवैध खुदाई , प्रशासन बना लाचार

ग्रामीण बोले जीते जी तो क्या मरणोपरांत भी हमें चार गज जमीन जलाने के लिए नसीब नहीं क्या ?
वल्लभनगर तहसील की भीण्डर पंचायत समिति के मडिंगपुरा गाँव की शमसान की भूमि का है मामला

menar-news( लोकेश मेनारिया )
मेनार।वल्लभनगर तहसील की भीण्डर पंचायत समिति के अन्तर्गत मडिंगपुरा गाँव के शमसान की भूमि को खेरोदा निवासी मोहनलाल पिता डालचन्द मेघवाल तथा माॅगी लाल पिता शंकर लाल ढोली ने रातों रात जेसीबी के माध्यम से अवैध खनन कर मिट्टी खोदकर अन्य स्थान पर ले गया और जमीन पर अपना कब्जा कायम कर लिया ।ग्रामीणों ने बताया कि दिन में वह जेसीबी लेकर आया तो ग्रामीणों ने और सरपंच के द्वारा उसे शमसान की भूमि होने की बात कहकर मना कर दिया किन्तु रातों रात दो बड़ी जेसीबी के माध्यम से शमसान से मिट्टी खुदवा कर डंपरों से रेलवे पर ले जाकर डलवा दी।जिससे शमसान भूमि बड़े बड़े खड्डो में तब्दील हो गई ।अगले दिन ग्रामीणों ने यह स्थिति देखी तो वे हक्का बक्का रह गए और उसे उलाहना दिया तो उल्टा चोर कोतवाल को डाटे उसी तरह आरोपी ने कहा कि कोई शमसान की भूमि नही मेरी जमीन हैं और ज्यादा बोले तो एस टी – एस सी के मामले फँसा दूंगा ।ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वल्लभनगर तहसीलदार और पुलिस उपअधिक्षक से लिखित में रिपोर्ट देकर की किन्तु अब तक कोई कार्रवाई नही हुई जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने संवाददाता लोकेश मेनारिया को बताया कि आरोपी ने राजपूत , गाडरी , मेघवाल और ओड़ समाज के करीब 650 साल पुराने शमसान जहाँ पर हम और हमारे पूर्वज शवों का अन्तिम संस्कार करते आऐ हैं और जो भूमि हमारे लिए आरक्षित हैं उस भूमि को मोहनलाल पिता डालचन्द मेघवाल निवासी गुलाबनगर – खेरोदा तथा माॅगी लाल पिता शंकर लाल ढोली ने अवैध खुदाई कर मिट्टी बेच कर बहुत बड़ा अपराध किया हैं ।हमारे द्वारा तहसीलदार और पुलिस उप अधिक्षक महोदय को लिखित रिपोर्ट देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से उसके हौसले बुलन्द हैं ।प्रशासन की उदासीनता और अकर्मण्यता के कारण आज गाँव में किसी की मोत हो जाए तो जलाने की जगह नहीं हैं । ऐसे में सवाल उठता हैं कि इस डिजिटल ईण्डिया में क्या हमारे गाँव वासियों को जिते जी थो ठीक मरनोपरान्त भी जलाने के लिए भी जमीन नसीब नहीं हैं क्या ? ग्रामीणों ने संवाददाता लोकेश मेनारिया को बताया कि यदि समय रहते यदि प्रशासन का यही ढर्रा रहा तो मजबूरन धरना – प्रदर्शन कर उग्र आन्दोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ।जब इस बारे में उपखंड अधिकारी वारसिंह से जानकारी लेनी चाही तो उपखंड अधिकारी भी कन्नी काटते दिखाई दिए ।

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