नगरपरिषद अपनीे ही सम्पति लुटते देखती रही
बाड़मेर: बाड़मेर में पुलिस थाने के पीछे मक्के का वास में लम्बे समय सेे चल रहे सार्वजनिक चौक मामले में कल फिर बड़ा विवाद हुआ। उच्चतम न्यायालय के आदेश में जिसे सार्वजनिक चौक माना गया है व नगरपरिषद ने सार्वजनिक चौक का बोर्ड लगाया गया था वहां पर कथित तौर पर कुछ असामाजिक तत्वों ने नगरपरिषद का सार्वजनिक चौक का बोर्ड उखाड़ फेंका, कथित तौर पर कुछ असामाजि तत्व लम्बे समय से समाज की आड़ में समाज को भी गुमराह करते हुए उक्त भूमी को हथियाने का प्रयास कर रहे हैं और इसी कड़ी में नगरपरिषद के बोर्ड को उखाड़ फेंका गया परन्तु प्रश्न यह उठता है कि आखिर नगरपरिषद इस पर कड़ी कार्यवाही करने से क्यूं कतरा रहा है। क्यूं पुलिस जाब्ते के साथ तुरंत कड़ी कार्यवाही करते हुए नगरपरिषद ने अपना बोर्ड नहीं लगवाया ? बड़ा सवाल है कि क्या नगरपरिषद प्रशासन ऐसे चंद लोगों के सामने कमजोर व बौना साबित हो रहा है ? जब सरकारी जमीन पर लोग इस कदर अपना हक जमा सकते हैं तो कमजोर गरीब आदमी प्रशासन से क्या उम्मीद करे ? भयभीत आमजन अपने मन में ऐसे ही प्रश्न लिए घूमता नजर आया।