भीतर के जजबातों को जिन्दा करती है कविता – कवि सुनील व्यास

(सी.बी.ए. में 2 दिवसीय कविता लेखन वर्कशॉप का आयोजन)

IMG_4766राजसमन्द। स्थानीय शिक्षण संस्था दी क्रिएटिव ब्रेन एकेडमी सीनियर सैकण्डरी स्कूल ने एक बार फिर अनूठी पहल करते हुए भीतर छुपे कवि, लेखक, साहित्यकार को जीवन में मुकाम देने की दृष्टि से विद्यालय में 2 दिवसीय कविता लेखन वर्कशॉप का आज शुभारम्भ हुआ।
कार्यक्रम शुरूआत में कवि सुनील व्यास द्वारा माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। तत्पश्चात् सी.बी.ए. के विजय सिंह राजपूत तथा गोपाल शर्मा द्वारा कवि सुनील व्यास का स्वागत किया गया।
सी.बी.ए. के निदेशक शिवहरि शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को साहित्यिक दृष्टि से मजबूत बनाने उनके भीतर छिपे टेलेन्ट को निखारकर उसे नया आयाम देने के उद्देश्य से इस वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के प्रथम दिवस देश के प्रसिद्ध हास्य टी.वी. कलाकार व कवि सुनील व्यास ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किये।
व्यास ने बताया कि जब आप अपने विचारों एवं अनुभूति को अभिव्यक्ति का रूप देते है तो मन में जो संतुष्टि का भाव उत्पन्न होता है, यह साहित्य से ही सम्भव है। साहित्य पढ़ने, लिखने की वस्तु न होकर जीवन जीने का नाम है। साहित्य द्वारा व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास करता है। आधुनिक युग में किशोरवय बालक सामाजिक परिदृश्य से कटते जा रहे है। इन बालकों को साहित्य के द्वारा ही सामाजिकता से जोडा जा सकता है। विभिन्न कवियों तथा लेखकों जैसे हरिवंश राय बच्च्न, अज्ञेय, शरद जोशी, सुभद्रा कुमारी चौहान आदि के उदाहरण देते हुए उन्होंने बच्चों को इनकी रचनाओं तथा लेखन शैली से अवगत करवाया। विद्यार्थियों ने साहित्य से सम्बन्धित अपनी जिज्ञासाओं को कवि सुनील व्यास के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर शान्त किया।
वर्कशॉप में निदेशक शिवहरि शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जहाँ एक ओर विज्ञान हमें तकनीकी रूप सक्षम बनाता वहीं दूसरी तरफ साहित्य हमारे भीतर के जज़बातों को जगाकर हमें आत्मसंतुष्टि प्रदान करता है। शर्मा ने बताया कि विज्ञान मशीन का निर्माण करता है जबकि साहित्य इंसान का निर्माण करता है।
उल्लेखनीय है कि सुनील व्यास कई टी.वी. शो जैसे वाह-वाह क्या बात है, लाफ इण्डिया लाफ, द ग्रेट इण्डियन लाफ्टर चैलेन्ज, मेड इन इण्डिया, जरा हट के आदि में अपनी कला का लोहा मनवा चुके है तथा वर्तमान में दूरदर्शन किसान चैनल पर वर्तमान में अपनी प्रस्तुतियां दे रहे है।
कार्यक्रम के अन्त में सी.बी.ए. की प्रशासिका शीतल गुर्जर ने कवि सुनील व्यास को अपना अमूल्य समय देने तथा विद्यार्थियों को लेखन विधा से रूबरू करवाकर साहित्य से जोडने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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