छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन स्थिरीकरण करते हुए एरियर की राशि, आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ व राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का लाभ तथा वेतन स्थिरीकरण के उपरान्त कार्यमुक्ति की दिनांक को देय अंतिम वेतनानुसार उपदान की राशि तथा अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि मय ब्याज करने के आदेष
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने निर्णय दिया कि प्रार्थीगण श्रीमती रन्जु सोमा, बनवारी लाल शर्मा, संजय कुमार कश्यप, श्रीमती अनीता मसीह व श्रीमती सरस्वती गुप्ता का वेतन स्थिरीकरण राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 के अनुसार स्थिरीकरण करते हुए बकाया एरियर की राशि एवम् प्रार्थी श्रीमती अनीता मसीह व प्रार्थी बनवारी लाल शर्मा को राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार चयनित वेतनमान का लाभ व प्रार्थीगण श्रीमती रन्जु सोमा, संजय कुमार कश्यप, श्रीमती अनीता मसीह व श्रीमती सरस्वती गुप्ता को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार राज्य कर्मचारियों के समान वरिष्ठ और चयनित वेतनमान का लाभ एवम् उपरोक्तानुसार वेतन स्थिरीकण किये जाने के उपरान्त अप्रार्थी संस्था से कार्यमुक्त होने की दिनांक को देय अंतिम वेतन के आधार पर सभी प्रार्थीगण नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा कार्यमुक्त होते समय अपने अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, आर्य महिला शिक्षा समिति, अजमेर जरिये सचिव एवम् प्रबन्ध समिति, आर्य पुत्री बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल, अजमेर जरिये सचिव अदा करने के दायित्वाधीन पाये जाते है। उपरोक्त अनुतोषों के सम्बन्ध में अप्रार्थी संस्था ने यदि कोई भुगतान प्रार्थीगण को कर दिया हो तो वह समायोजन किये जाने योग्य रहेगा एवम् अप्रार्थी निदेशक / आयुक्त, सैकण्डरी शिक्षा, राजस्थान बीकानेर (राज0) को निर्देश दिये जाते है कि वे उपरोक्त निर्णय की पालना अप्रार्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्रीमती रन्जु सोमा को व्याख्याता के पद दि0 2-4-1997 को, प्रार्थी बनवारी लाल शर्मा को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद दि0 6-10-1986 को, प्रार्थी संजय कुमार कश्यप को वरिष्ठ अध्यापक के पद पर दिनांक 1-7-1998 को, प्रार्थी श्रीमती अनीता मसीह को लाईब्रेरियन के पद पर दि0 14-12-1981 को एवम् प्रार्थी श्रीमती सरस्वती गुप्ता को अध्यापक के पद पर दि0 10-2-1992 को नियमानुसार चयनित कर नियुक्त किया गया। तत्पश्चात् प्रार्थीगण को स्थायी किया गया। प्रार्थीगण को राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 के अनुसार राज्य सरकार की सेवा में आमेलन/ नियुक्ति होने के कारण अप्रार्थी संस्था से दि0 30-6-2011 को कार्यमुक्त किया जा चुका है। उन्होंने अप्रार्थी संस्था में अपनी सेवायें सम्पूर्ण निष्ठा के साथ ईमानदारीपूर्वक दी है। प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थी संस्था से उपरोक्त लाभ प्रदान करने के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किये परन्तु अप्रार्थी संस्था ने कोई भुगतान नहीं किया। प्रार्थीगण ने इससे पीड़ित होकर अपने अधिवक्ता डी.पी. शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है यह संस्था 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान की राशि भी प्राप्त करती रही थी। लेकिन राज्य सरकार में आमेलन / नियुक्त के समय प्रार्थीगण को राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियम 82 के अनुसार उपदान की राशि तथा खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकदीकरण की राशि नियम , 1993 के नियम 51 के अनुसार नहीं दी गई। उनके कार्यमुक्त होने से पूर्व राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 2008 का लाभ दिनांक 1-9-2006 से राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाईज पे स्केल रूल्स, 1998 के अनुसार के अनुसार 10 वर्ष व 8 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने पर वरिष्ठ एवम् चयनित वेतनमान का लाभ व राज्य सराकर के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार 9, 18,27 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ दिये जा चुके थे। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 की धारा 29 व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम, 1993 के नियम 34 के अनुसार राज्य अप्रार्थी संस्था के अनुदानित होने के कारण राज्य कर्मचारियों के समान उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी थे। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ नियमानुसार ब्याज सहित प्रार्थीगण को अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।
डी.पी. शर्मा
एडवोकेट
मो.नं. 9414284018