विधानसभा में गूंजा मेनार डाक बंगला संरक्षण का मुद्दा

PicsArt_01-25-01.14.52 copyमेनार। उपखंड क्षेत्र के भिंडर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत मेनार में नेशनल हाइवे पर स्थित डाक बंगला की स्तिथि को लेकर खबर को नवज्योति ने पिछले दिनों प्रमुखता से उठाया। उल्लेखनीय है कि 21 जनवरी 2017 को प्रकाशित ”कहीं प्रशासन की उदासीनता निगल न जाये मेनार की धरोहर ” शीर्षक के नाम से खबर को प्रकाशित की थी

नवज्योति ने वल्लभन्नगर विधायक रणधीर सिंह भिंडर से चर्चा की । जिस पर जनप्रतिनिधियों की बंगले की वर्तमान स्थिति को लेकर के काफी चिंतनीय विषय माना गया । जिसके लिए पंचायत को इसके लिए प्रस्ताव लेकर कर जिला कलेक्टर उदयपुर से अनुशंसा के लिए भी सकारात्मक विचार रखा। साथ ही जनप्रतिनिधियों की सकारात्मक पहल करते हुए क्षेत्रवासियों एवं ग्रामीणों को आश्वस्त भी किया था।

यह था मामला-

उपखंड क्षेत्र के मेनार ग्राम पंचायत में स्थित सरकारी कई ऐसे सरकारी भवन है जिन को समय के साथ में नजरअंदाज किया जा रहा है। जिससे ये विभाग की अनदेखि मेनार की इस धरोहर को दीमक की तरह खोखले करते नजर आ रहे हैं । ऐसे में ही नेशनल हाइवे पर स्थित डाक बंगला जर्जर स्थिति से जूझ रहा है । साथ ही यह भवन सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन होने के कारण ना तो विभाग ध्यान दे रहा है और ना पंचायत अपने स्तर पर कोई कार्रवाई कर पा रही है । डाक बंगले की दीवार एवं टूटे हुए गेट के कारण से एवं रखरखाव के अभाव में खंडहर हो चुका है।

विधानसभा में गूंजा मेनार डाकबंगले का मुद्दा-

उक्त मुद्दे को विधायक रणधीर सिंह भींडर ने ज्वलंत मुद्दा मानते हुए मंगलवार को(1121/ सार्वजनिक निर्माण 14 वीं राजस्थान विधानसभा के अष्टम सत्र कालीन में प्रश्न काल के दौरान सार्वजनिक निर्माण मंत्री से सीधे सीधे प्रश्न पूछा गया । विधायक भिंडर ने पूछा कि विधानसभा क्षेत्र वल्लभ नगर में विभाग के कितने डाक बंगले हैं? उक्त डाक बंगले कब कब बनाए गए? सरकार द्वारा उनके रख-रखाव पर कितनी राशि रखी जा चुकी है?

विधायक भिंडर ने सरकार का विधानसभा क्षेत्र वल्लभनगर की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए एवं
मेनार स्थित डाक बंगले को तवज्जो देते हुए संरक्षण की बात करते हुए सवाल किया कि क्या मेनार में रियासत काल में बने डाक बंगले को हेरिटेज श्रेणी में मानकर सरकार बंगले के संरक्षण हेतु कोई कार्य योजना बनाने की विचार रखती है ? या नहीं और रखती है तो कब तक? नहीं तो क्यों?
मेनार की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए सरकार को अवगत कराया कि मेनार में आयोजित होने वाली झमरा बीज का पर्व मेनार या उदयपुर क्षेत्र में ही नहीं अपितु प्रदेश भर में जाना माना जाता है । साथ ही पक्षी विहार केंद्र होने के कारण से यहां प्रशासनिक अधिकारियों एवं पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। अगर ऐसे समय में मेनार मे डाक बंगला संरक्षण या रेस्ट हाउस की अच्छी व्यवस्था हो सकती है तो यह सरकार की एक अच्छी पहल साबित हो सकती है ।
इस प्रकार के विभिन्न सवालों से विधानसभा की गूंज उठा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सरकार से जल्द जवाब मांगा । एवं सकारात्मक रुप से जवाब देने की बात रखी।

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