ललित मोहन खण्डेलवाल बारां
“बारां 21 मार्च। रिजर्व बैंक द्वारा बचत खातों तथा एटीएम से प्रतिमाह चार से अधिक बार रूपया निकालने पर लगाया गया शुल्क पूरी तरह अनुचित तथा सरकार का व्यापार विरोधी कदम है। केैट के प्रदेश मंत्री बारां व्यापार महासंघ अध्यक्ष ललितमोहन ख्ंाडेलवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर रिजर्व बैंक द्वारा एक अप्रेल से बैकों में जमा स्वयं की राशि को प्रतिमाह चार से अधिक बार निकाले जाने पर डेढ सौ रूपए तथा 26 रूपए सर्विस शुल्क वसूले जाने का निर्णय पूरी तरह अव्यवहारिक तथा व्यापारिक दृष्टि से अनुचित है। खंडेलवाल ने बताया कि हजारों की संख्या में छोटे-छोटे व्यापारी बैकों में चालू खाते के स्थान पर बचत खातों का उपयोग कर अपना कारोबार करते रहे है। जिसमें जमा पूंजी का उन्हें ब्याज के रूप में थोडा बहुत लाभ मिलता रहा है। नोटबंदी से आहत व्यापार जगत के लिए रिजर्व बैंक का यह निर्णय पूरी तरह कारोबारी को परेशान करने वाला है। अगर सरकार के इसी प्रकार के निर्णय जारी रहे तो आमजन बैकों से अपना मुंह मोडने को मजबूर हो जाएगा। नोटबंदी के बाद से बैंको मे ंजहां जमा में कमी आई है, वहीं बैंकों के रवैये से भी लोगों में अविश्वास की भावना उत्पन्न हुई है। ऐसे में एक माह में चार से अधिक बार स्वयं का पैसा निकालने पर पैनल्टी तथा सर्विस चार्ज से बैंको की सेवाओं पर भी विपरीत असर पडने के साथ-साथ बचत खातों की ओर आमजन का रूझान कम हो जाएगा। खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक अघोषित रूप से बचत खातों में पडी जमा पर धीरे-धीरे ब्याज बंद कर उन्हें चालू खातों में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहा है ताकि छोटे-छोटे कारोबारी भी बचत खातों को बंद कर चालू खातों की ओर रूझान करें जिससे बैंकों की कमाई और अधिक बढ जाए।
