झिरी टापरा गांव के लोग राजपुरा(एमपी) से लाते हे पानी

IMG-20170327-WA0034फ़िरोज़ खान
बारां 27 मार्च । बारां जिले की किशनगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत नाहरगढ़ के गांव झिरी टापरा के लोगो पानी के लिए मशक्कत कर रहे हे । ग्रामवासी रघुनाथ बंजारा, नेनकराम, कैलाश, अमरलाल, ने बताया कि गर्मी की शुरुआत में ही लोगो को पीने का पानी नसीब नही हो रहा है । उन्होंने बताया कि गांव से 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित एमपी राज्य का गांव राजपुरा से पीने का पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहें है । बंजारा समुदाय का गांव एमपी बॉडर से लगा हुआ है । राजपुरा(एमपी) निवासी अंसार मोहम्मद अपनी निजी ट्यूबवैल को दिनभर चालू रखता है । और इस गांव के लोग शाम को इनकी ट्यूबवैल से ही पानी लाकर पी रहें है । गांव के लोगो ने बताया कि गांव में एक ट्यूबवैल व् पानी की टँकी बनी हुई है । मगर ट्यूबवैल का जल स्तर नीचे चले जाने के कारण इसमें पानी नही आ रहा है । इस कारण 2 माह से इस गांव के लोग पीने के लिए व् पशुओं के लिए राजपुरा निवासी अंसार मोहम्मद की निजी ट्यूबवैल से पैदल जाकर पानी लाते है । इस गांव के बीच में होकर गुना जाने के लिए रोड निकल रहा है । ऐसे में शाम होते ही महिलाएं सिर पर बर्तन रखकर पानी लाती है । महिलाओ ने बताया कि रोड होने के कारण बच्चे भी हमारे पीछे पीछे आ जाते हे, ऐसे में दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है । शाम होते ही पानी लाने के लिए महिलाएं निकल पड़ती है । इस गांव में करीब 100 बंजारा समुदाय के घर है । जिनको अपने ही राज्य में पीने का पानी नसीब नही हो रहा है । उनका कहना है कि बंजारा समुदाय को सरकार व् ग्राम पंचायत की और से कोई भी सुविधाएं नही मिल रही है । हमे अपने ही जिले में पानी नही मिल रहा है । इस कारण दूसरे राज्य से का पानी लाकर प्यास बुझा रहें है । जब अंसार मोहम्मद से बात की तो बताया कि शाम को बिजली आते ही ट्यूबवैल को चालू कर दिया जाता हैं । इस ट्यूबवैल से ही यह लोग पानी ले जा रहें है । यही नही जब जब भी बिजली आती है । मेरी ट्यूबवैल चालू रहती है । और इस कारण इस ट्यूबवैल का पानी नदी में जाता है, और मवेशी भी अपनी प्यास बुझा रहे है । बंजारा समुदाय के लोगो का कहना है कि अपने खुद के लिए पानी लाये या मवेशियों के लिए ।

दो माह से पानी के लिए मश्क्कत
झिरी टापरा के लोग दो माह से पीने के लिए परेशान है । उसके बाद भी इनकी कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि सुनने वाला नही है । उनका कहना है कि जाये तो कहा जाये । इस गांव के लोग मजदूरी करे या फिर रात व् दिन में पानी का जुगाड़ करें ।

15-20 मवेशियों ने दम तोड़ा
झिरी टापरा के रघुनाथ ने बताया कि पानी के आभाव में हमारे करीब 15-20 मवेशियों ने दम तोड़ दिया है । इस कारण लोग सदमे में है । उसके बाद भी प्रशासन ध्यान नही दे रहा है । गांव के महिला पुरुष का कहना है कि घर के साथ साथ मवेशियों के लिए भी पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है ।

निजी ट्यूबवैल में मोटर डल जावे तो
बंजारा समुदाय के लोगो ने बताया कि गांव में एक निजी बोर है, जिसमे पानी है, अगर इसमें मोटर डल जावे तो पीने की व्यवस्था हो सकती है ।

जाग्रत महिला समिति का प्रतिनिधि मंडल मिलेगा
झिरी टापरा में पीने के पानी की समस्या को लेकर जाग्रत महिला समिति अध्यक्ष कल्याणी सहरिया, ग्यारसी बाई, जसोदा बाई, शकुन्तला बाई, कल्ली बाई, मोहनी बाई, कग्गो बाई सहित गांव की महिलाएँ जिला कलेक्टर बारां से मिलेगी । और पानी की व्यस्था करने की मांग करेगी ।

एसडीओ जनक सिंह किशनगंज का कहना है कि इस मामले की जानकारी करवाकर इस गांव की पानी की समस्या का समाधान करवाया जावेगा ।

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