साइबर क्राइम के इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश करने में बीकानेर पुलिस को मिली कामयाबी

नाइजीरिया, अफ्रीका तक आरोपियों के हाथ
Aqua Y2 Pro_20170412_141753बीकानेर 12/4/17। साइबर क्राइम के इंटरनेशनल गैंग का खुलासा करने में बीकानेर पुलिस कामयाब रही है। बीकानेर एसपी कार्यालय में एक युवती द्वारा साइबर ठगी संबंधी पेश परिवाद में शोध करते हुए बीकानेर पुलिस ने पहली बार साइबर क्राइम के अन्तरराष्ट्रीय गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्त में लिया है इनमें से एक महिला वकील है । परिवादी महिला ने उससे 56 लाख रुपये की ठगी का मामला बताया था जिसका खुलासा करते हुए एक महिला सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें बीकानेर के साइबर एक्सपर्ट योगेन्द्र सुथार का योगदान सराहनीय रहा है। आरोपियों के कब्जे से करीब तीन लाख रुपये बरामद किए गए है। बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में पुलिस महानिरीक्षक विपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि शादी के नाम पर 56 लाख की ठगी के मामले में पुलिस द्वारा पड़ताल की गई तो सामने आया कि बीकानेर में शिवराम एन्टरप्राईजेज तथा अभय गुप्ता के नाम से खाते खुलवाए गए जिनके दो अलग-अलग जगह खातों में एक ही व्यक्ति की फोटो लगी हुई थी। इन दोनों जगह पर करीब 49,42,000 रुपये डलवाये गए। पुलिस टीम द्वारा कड़ी मेहनत करते हुए इन खातों तथा इनसे जुड़े मोबाइल की डिटेल का विश्लेषण कर मुखबिरों का जाल बिछाते हुए इस गैंग के खाता धारक तथा सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार तथाकथित खाताधारक अनिल कुमार उर्फ अभय गुप्तेा झारखण्ड, वास्तविक नाम अजीत कुमार यादव निकला जिसे गिरफ्तार करते हुए कार्यवाही शिनाख्ती हेतु जेल भेजा गया है। इसके अलावा श्रवणसिंह सोढा उम्र 34 वर्ष निवासी सिलोर समदड़ी जिला बाड़मेर हाल बालोतरा, विरेन्द्रनाथ उर्फ महाराज गोस्वामी उम्र 30 वर्ष निवासी जोधपुर तथा अनिता पुत्र विजय कुमार उम्र 37 वर्ष निवासी डीएलएफ फैज प्रथम गुडग़ांव को गिरफ्तार किया जाकर रिमाण्ड पर लिया गया है।

सराहनीय पुलिस टीम
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में लक्ष्मणसिंह थानाधिकारी पुलस थाना सदर, मनोज शर्मा थानाधिकारी जामसर, सुभाषचन्द्र थानाधिकारी पुलिस थाना कालु, परमेश्वर सुथार थानाधिकारी पुलिस थाना पांचू, पुष्पेन्द्रसिंह कानि., ओमप्रकाश कानि. सीआईयु बीकानेर, मनफूल कानि. सीआईयु बीकानेर, राजेश कुमार चालक सीआईयु बीकानेर का योगदान रहा है।

विशेष:-
सावधान, आपके धन पर है ठगोें की नजर
अपराधियों को गिरफ्तार कर अपराध मुक्त समाज निर्माण में पुलिस अपनी भूमिका बदस्तूर निर्वहन करती है। समाज का भी दायित्व है कि ऐसे समाजकंटकों को पहचाने और सूचनाएं पुलिस को उपलब्ध करवाए। विशेष रूप से स्वयं के साथ घटने वाली ठगी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए हर व्यक्ति किसी पर भी अपने रुपए-पैसे और जेवरात, सम्पत्ति संबंधी कागजात के मामले में विश्वास नहीं करे तो किसी हद तक इंटरनेट और मोबाइल, टेलीफोन के माध्यम से होने वाली ठगी की वारदातों पर काबू पाया जा सकता है। कुछ ऐसा कहना है बीकानेर एस पी डॉ अमनदीप सिंह कपूर का। साइबर क्राइम के इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश कर बीकानेर पुलिस की उपलब्धियों को बढ़ाने वाले पुलिस महानिरीक्षक विपिन कुमार पाण्डेय और एस पी डॉ अमनदीप सिंह कपूर ने प्रेस कान्फ्रंेस के दौरान आह्वान किया कि समाज का प्रत्येक घटक एवं हर व्यक्ति जागरूक होकर अपराधों की रोकथाम में अपनी भूमिका निभाए। खास तौर से ध्यान रखा जाए कि आपकी अपनी गुप्त सूचनाएं और रुपए किसी अन्य के हाथ न लगने पाएं। सावधान रहें, आपके धन पर ठगों की नजर हो सकती है इसलिए अपने खाते, लॉकर आदि के पासवर्ड, कोड आदि किसी को नहीं बताएं।ै

नाइजीरियन और आरोपी गैंग के अन्य लोगों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस टीमें गठित
नाईजीरियन तथा इस गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाई जाकर गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।

आरोपियों के खाते में अभी जमा है 35 से 40 लाख रुपये
पुलिस महानिरीक्षक के अनुसार नाईजीरियन दिल्ली में बड़ी संख्या में इस प्रकार की ठगी में लिप्त है, जो स्टूडेंट विजा कर भारत आकर यहां अवैध रूप से रहते है तथा ठगी से प्राप्त पैसों को नाईजीरियन तुरन्त हवाला से अफ्रिका ट्रांसफर कर देते है। इन्हीं खातों का प्रयोग करते हुए इस गैंग द्वारा हिमाचलप्रदेश के कांगड़ा में करीब 13 लाख व चंडीगढ़ में करीब 11 लाख रुपये की ठगी की गई है। बीकानेर पुलिस द्वारा इनके करीब सैकड़ों खाते संज्ञान में आने पर फीज करवाए गए है, जिनमें करीब 35 से 40 लाख रुपये अभी भी जमा है।

यह है मामला
29 नवम्बर को नीतू शर्मा निवासी बीकानेर ने एक परिवाद एसपी कार्यालय में पेश की तथा बताया कि मैंने जीवन साथ डॉट कॉम की मैट्रोमोरियल वेबसाईट पर अपनी प्रोफाइल अपलोड की थी जिसके माध्यम से यू.के. पारस प्रेमकुमार की मुझ से व्हाट्सएप से सम्पर्क किया तथा हमारे बीच बातचीत होने लगी। फिर उसने बताया कि मैं यूएन एयरफोर्स में एयरकाफ्ट इंजीनियर हूं तथा ईराक में पदस्थापित हूं। मैं मूलतः भारतीय हूं तथा आगे भारत में स्थापित होना चाहता हूं। मेरे पास 5 मिलियन पोंड की संपति है तथा मैं आपसे शादी करके भारत में स्थापित होना चाहता हूं। अतः मैं आपको 2.50 मिलीयन पौंड की संपति भेज रहा हूं। भारत व ईराक के मध्य एक डिप्लोमेटिक पाऊच सर्विस चल रही है। ईराक एजेंन्सी जैम्त डेविड नाक व्यक्ति के साथ 250 मिलीयन पोंड भेज रहा हूं। कुछ दिन बाद नीतू के पास जैम्स डेविड नाम के व्यक्ति का कॉल आया तथा दिल्ली एयपोर्ट पर पहुंचने तथा पाऊच का किराय 70 हजार रुपये जमा करवाने के लिए दो फर्जी खाता नम्बर उपलब्ध करवाए गए। तत्पश्चात अमले दो माह तक उसके पास कॉल आते रहे तथा कभी फायनेंस इंटेलिजेंस सैक्युरिटी आरबीआई मुम्बई के नाम पर जाली नोटिस भेज कर, दिल्ली पुलिस के जाली कालियरेंस सर्टिफिकेट दिला कर कस्टम कलियरेंस सर्टिफिकेट, इन्कम टैक्स कलियरेंस सर्टिफिकेट के नाम पर अलग-अलग खातों में माह नवम्बर 2016 तक लगभग 56 लाख रुपये डलवा लिए तथा अभी मरे से और रुपये डलवाने का कह रहा है।

मोहन थानवी

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