जयपुर, कालवाड ग्राम स्थित कालवाड बांध की मरम्मत नहीं होने के कारण कालवाड के आसपास के गांवों में जल स्तर काफी गिर चुका हैं। सरकार द्वारा जल स्वावलम्बन योजना के विज्ञापन पर करोड़ों रूपये खर्च किये जा रहे है जबकि धरातल पर सरकार के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोई कार्य नहीं हो रहा है। इसका एक ताजा उदाहरण उक्त बांध की मरम्मत से सम्बन्धित है। उक्त गांव के ग्रामीणों द्वारा सम्पर्क पोर्टल पर भी शिकायत की गई। परन्तु कोई कार्य नहीं हुआ। जबकि मानसून शीध्र ही आने वाला है। ग्रामीणों के द्वारा इस सम्बन्ध में शिकायत सम्पर्क पोर्टल पर भी की गई लेकिन व्यावहारिक रूप से बांध की मरम्मत का कार्य नरेगा योजना में आवंटन के बावजूद भी उक्त बांध की मरम्मत नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि उक्त बांध के भराव क्षेत्र में कुछ प्रभावशाली लोगों की जमीन है। उनके प्रभाव के कारण बांध की मिट्टी की दीवार को तोड़कर बांध के पानी को निकाल दिया गया तब से बांध की मरम्मत की दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ। इससे जनता में आक्रोश है। यहां यह उल्लेखनीय है कि बांध की पूर्ण भराव क्षमता हो जाने पर आसपास के गांवों में जल स्तर 15 से 20 फीट था जबकि वर्तमान में जल स्तर करीब 200 फीट है। अधिकांश बोरिंग सूख चुके है। उल्लेखनीय है कि उक्त बांध का निर्माण सन् 1857 में तात्कालिक जागीरदार द्वारा अकाल राहत के तहत करवाया गया था परन्तु सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण कालवाड बांध में पानी नहीं भर पाता है।
डी.पी. शर्मा
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